भविष्य में प्लास्टिक का उपयोग जारी रहा, तो हमें सांस भी खरीदनी पड़ेगी

जिले में प्रति व्यक्ति प्लास्टिक की खपत बढ़कर प्रति वर्ष हो गया 11 किलोग्राम

By PANCHDEV KUMAR | June 4, 2025 11:41 PM
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पर्यावरण दिवस पर खास

विश्व पर्यावरण दिवस की शुरुआत वर्ष 1972 में हुई थी. तब से हम विश्व पर्यावरण दिवस मनाते आ रहे हैं. बावजूद इसके पर्यावरण दिन- प्रतिदिन दूषित होता जा रहा है. अगर हम अभी नहीं जागे, तो वो दिन दूर नहीं, जब हमें सांस भी खरीदनी पड़ेगी़ विश्व पर्यावरण दिवस 2025 की थीम है ””””””””प्लास्टिक प्रदूषण से निपटना”””” लेकिन, हमारे जीवन का हर पहलू प्लास्टिक पर निर्भर हो गया है. बच्चों के खिलौनों से लेकर पानी की बोतल और खाने की थाली, किचन, बाथरूम, इलेक्ट्रिक उपकरण, कार, हवाई जहाज, क्रॉकरी, फ्यूमचर, कंटेनर, बोतलें, पर्दे, दरवाजे, किवाड़, दवाइयां और बोतलों तक में इसका इस्तेमाल काफी बढ़ गया है. शरीर और पर्यावरण दोनों के लिए हानिकारक होने के बावजूद हम प्लास्टिक का इस्तेमाल कर रहे हैं.

हर हफ़्ते 5 ग्राम तक प्लास्टिक के कण इंसान के शरीर में जाते हैं. प्लास्टिक का कचरा माइक्रोप्लास्टिक में बदल जाता है, जो इंसान के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है. प्लास्टिक में पाए जाने वाले रसायन, जैसे कि बिस्फेनॉल ए (BPA), एंडोक्राइन डिसरप्टिव होते हैं, जो हार्मोन को प्रभावित कर सकते हैं और प्रजनन संबंधी समस्याओं का कारण बन सकते हैं. प्लास्टिक का कचरा संक्रामक रोगों के प्रसार में भी योगदान दे सकता है. प्लास्टिक का कचरा मिट्टी और पानी को दूषित करता है़ इससे मिट्टी की उर्वरता कम होती है और जल स्रोत दूषित होते हैं. प्लास्टिक का कचरा वन्यजीवों को नुकसान पहुंचा सकता है, उन्हें फंसा सकता है या उन्हें जहरीले रसायनों के संपर्क में ला सकता है. प्लास्टिक का कचरा समुद्री जानवरों को नुकसान पहुंचाता है, जिससे वे मर सकते हैं या बीमार हो सकते हैं. प्लास्टिक प्रदूषण संतुलन को बिगाड़ सकता है. शहर व गांव की नालियां आज प्लास्टिक कचरों से भरा है.

प्लास्टिक के खतरे को कम करने के लिए पुनः उपयोग को बढ़ावा देना होगा. हमें किसी भी बेकार चीज को फेंकना नहीं चाहिए. हमें उसे फिर से इस्तेमाल करने के बारे में सोचना चाहिए. हमें धीरे- धीरे सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल बंद कर देना चाहिए. हमें ऐसी चीजें इकट्ठी करनी चाहिए जिन्हें रीसाइकिल किया जा सके और उन्हें कबाड़ में बेच देना चाहिए. प्लास्टिक का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए, जिसे रीसाइकिल नहीं किया जा सकता. अगर हम घर से कोई सामान खरीदने जाएं, तो शॉपिंग बैग लेकर जाएं. हमें पेय पदार्थ पीने के लिए स्ट्रॉ का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए. हमें प्लास्टिक के डिब्बे में खाने- पीने की चीजें नहीं खरीदनी चाहिए़ इससे हम जहरीले रसायन से बच सकते हैं. हमें अपने खाने को टिफिन- बॉक्स या कांच के कंटेनर आदि में रखने की कोशिश करनी चाहिए.

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