
संवाददाता, पटना बिहार संग्रहालय के बाल दीर्घा के क्लास रूम में मंगलवार को मधुबनी चित्रकला पर आयोजित कार्यशाला की शुरुआत की गयी. डिजाइन डेवलपमेंट वर्कशॉप फॉर हैंडीक्राफ्ट आर्टिशन विषय पर आयोजित इस कार्यशाला का उद्घाटन बिहार संग्रहालय के महानिदेशक अंजनी कुमार सिंह ने किया. यह आयोजन भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय के विकास आयुक्त (हस्तशिल्प) के सहयोग से आसरा सेवा केंद्र की ओर से किया जा रहा है, जो 3 जून से 2 जुलाई तक संचालित किया जायेगा. इसमें 30 कलाकार प्रशिक्षण ले रहे हैं. प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण देने का काम मधुबनी चित्रकला में राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता हेमा देवी कर रही हैं. डिजाइनर के रूप में प्रदीप चौहान प्रशिक्षण दे रहे हैं. महानिदेशक अंजनी कुमार सिंह ने कहा कि जल्द मधुबनी पेंटिंग से जुड़ी एक किताब संग्रहालय की ओर से तैयार की जा रही है, जिसमें पेंटिंग की बारीकियों के साथ इसके बारे में जानकारी होगी. यह कार्यशाला उसी दिशा में उठाया गया एक कदम है, जिससे मधुबनी चित्रकला के विविध रूपों, तकनीकों को समझने व सीखने में मदद मिलेगी.
बाजार के अनुकूल प्रशिक्षण और तकनीक जरूरीकार्यशाला का उद्देश्य और रूपरेखा बताते हुए वस्त्र मंत्रालय, भारत सरकार के सहायक निदेशक मुकेश कुमार ने बताया कि बाजार की मांग के अनुकूल कलाएं अपना रूप बदल रही हैं. इस संदर्भ में बाजार के अनुकूल प्रशिक्षण और तकनीक का विकास अनिवार्य है. इस कार्यशाला का आयोजन मधुबनी चित्रकला की अद्यतन संभावनाओं को तलाशने के लिए किया गया है. इस अवसर पर बिहार संग्रहालय के अपर निदेशक अशोक कुमार सिन्हा और आसरा सेवा केंद्र के सचिव कैलाश प्रसाद सिंह उपस्थित थे.
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