
Bihar Politics: बिहार की राजनीति में सुप्रीम कोर्ट के ताज़ा फैसले ने बड़ा मोड़ ला दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने आरजेडी नेता सुनील सिंह की बिहार विधान परिषद सदस्यता रद्द करने के फैसले को पलट दिया है. इस फैसले के बाद अब सुनील सिंह बतौर MLC फिर से सदन में अपनी भूमिका निभाएंगे. सुप्रीम कोर्ट की बेंच, जिसमें जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह शामिल थे. उनलोगों ने अपने फैसले में कहा कि सुनील सिंह की टिप्पणी अशोभनीय थी, लेकिन इसके लिए दी गई सजा जरूरत से ज्यादा सख्त थी. कोर्ट ने यह भी कहा कि विधान परिषद को ऐसे मामलों में अधिक उदार दृष्टिकोण अपनाना चाहिए.
7 महीने का निष्कासन ही पर्याप्त सजा
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने स्पष्ट किया कि सुनील सिंह की सदस्यता 2026 में समाप्त होगी और वह पिछले 7 महीनों से सदन से बाहर थे. कोर्ट ने इसे ही एक पर्याप्त सजा मानते हुए उनकी सदस्यता बहाल करने का निर्देश दिया. अदालत ने यह भी कहा कि यदि भविष्य में फिर से दुर्व्यवहार होता है, तो विधान परिषद की आचार समिति और चेयरमैन उचित कार्रवाई कर सकते हैं.
‘सत्यमेव जयते’- सुनील सिंह की प्रतिक्रिया
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सुनील सिंह ने अपनी खुशी जाहिर करते हुए फेसबुक पर लिखा, “सत्यमेव जयते. ” उन्होंने अपने निष्कासन के 7 महीनों को सजा के रूप में स्वीकार करते हुए कहा कि अब वह फिर से जनता की आवाज़ सदन में उठाएंगे.
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क्या था पूरा मामला?
फरवरी 2024 में बजट सत्र के दौरान सुनील सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ ‘पलटू’ शब्द का इस्तेमाल किया था. जिससे सदन में भारी हंगामा मच गया. इसके बाद उन पर अमर्यादित आचरण का आरोप लगाते हुए आचार समिति ने उनके खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की. जुलाई 2024 में उनकी सदस्यता रद्द कर दी गई थी.