
पटना: राज्य के प्राइमरी स्कूलों में बड़े पैमाने पर शिक्षकों की होने वाली बहाली के मामले पर सुनवाई पूरी कर पटना हाइकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. जस्टिस अनिल कुमार उपाध्याय की एकलपीठ ने हरे राम कुमार व अन्य की ओर से इस संबंध में दायर याचिकाओं पर सुनवाई पूरी कर ली. कोर्ट इस मामले में नौ नवंबर को अपना फैसला सुना सकता है.
सरकार के इस निर्णय को चुनौती दी गयी थी…
कोर्ट में दायर इन याचिकाओं के माध्यम से राज्य सरकार के उस निर्णय को चुनौती दी गयी थी, जिसमें डीएलएड उम्मीदवारों को बहाली में प्राथमिकता देने का निर्णय लिया गया था. साथ ही यह कहा गया था कि इसके बाद पद रिक्त रहने पर ही बीएड उम्मीदवारों को बहाली की जायेगी.
19 अक्तूबर को देना होगा याचिकाकर्ताओं को प्रति शपथपत्र
पटना हाइकोर्ट ने 90 हजार से अधिक प्रारंभिक शिक्षकों की सुनवाई के दौरान केस से जुड़े विभिन्न पक्षों से 19 अक्तूबर को प्रति शपथ पत्र देने को कहा है. डीएलएड प्राथमिकता से जुड़ी याचिका के मामले से जुड़े आठ से अधिक याचिकाकर्ताओं को प्रति शपथ पत्र देना है. साथ ही हाइकोर्ट ने सरकार से भी कहा है कि वह बीएड और डीएलएड के अभ्यर्थियों की अलग अलग संख्या बताये.
सरकार के फैसले के खिलाफ लगायी गयी याचिका के संदर्भ में हुई सुनवाई
सोमवार को हुई यह सुनवाई डीएलएड को प्राथमिकता देने के सरकार के फैसले के खिलाफ लगायी गयी याचिका के संदर्भ में हुई है. दरअसल प्रारंभिक नियोजन शुरू होने के बाद काफी समय बाद सरकार ने डीएलएड डिग्री धारकों को कक्षा से एक पांच तक के शिक्षक चयन में प्राथमिकता देने का प्रावधान किया था. यह सुनिश्चित किया था कि डीएलएड अभ्यर्थियों के बाद ही कक्षा एक से पांच तक के शिक्षक नियोजन में बीएड धारकों का नियोजन किया जायेगा.
हाइकोर्ट ने सरकार से पूछा…
फिलहाल इस मामले में हाइकोर्ट ने सरकार से भी पूछा है कि इस नियोजन में कुल बीएड अभ्यर्थी और कुल डीएलएड अभ्यर्थी कितने हैं? कितने पदों पर बहाली होनी है? और डीएलएड अभ्यर्थियों के नियोजन के बाद कितनी सीटें बीएड अभ्यर्थियों के लिए बच रही हैं? उल्लेखनीय है कि दिसंबर सीटेट मामले की याचिका पर सुनवाई मंगलवार को होगी.
Published by : Thakur Shaktilochan Shandilya