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मोबाइल को छोड़िए, रोमांचक खेलों से बच्चों को जोड़िए

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मोबाइल को छोड़िए, रोमांचक खेलों से बच्चों को जोड़िए

जोश से भर देंगे एडवेंचर स्पोर्ट्स

इंट्रो : आज के समय में बच्चों को शारीरिक और मानसिक विकास के लिए सही दिशा में प्रशिक्षित करना बेहद जरूरी है. राजधानी पटना में ऐसे कई एडवेंचर स्पोर्ट्स के ठिकाने हैं, जहां बच्चे अपनी क्षमता का परीक्षण कर सकते हैं और आत्मविश्वास के साथ-साथ रोमांच का अनुभव भी प्राप्त कर सकते हैं. इन ठिकानों पर बच्चों के लिए न केवल खेल हैं, बल्कि उन्हें सुरक्षित व प्रोफेशनल तरीके से प्रशिक्षण भी दिया जाता है. शहर में एडवेंचर स्पोर्ट्स के ठिकानों पर पेश है लाइफ@सिटी की रिपोर्ट.

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मोबाइल को छोड़िए, एडवेंचर स्पोर्ट्स से बच्चों को जोड़िए

डिजिटल युग में बच्चों और युवाओं का अधिकांश समय मोबाइल फोन पर ही व्यतीत हो रहा है, जिससे उनकी शारीरिक गतिविधियों में गिरावट आ रही है. ऐसे में, एडवेंचर स्पोर्ट्स बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास के लिए एक बेहतरीन विकल्प साबित हो सकते हैं. अपने शहर के इको पार्क, पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, जलालपुर जैसे स्थानों पर एडवेंचर स्पोर्ट्स की सुविधाएं बच्चों को मोबाइल की दुनिया से बाहर लाकर एक स्वस्थ और रोमांचक अनुभव प्रदान करती हैं. यहां बच्चे बर्मा ब्रिज, जिपलाइन, वॉल क्लाइंबिंग जैसे खेलों का आनंद ले सकते हैं.

एडवेंचर स्पोर्ट्स से जुड़े ट्रेनरों का कहना है कि ऐसे खेलों में भाग लेने से न केवल बच्चे शारीरिक रूप से मजबूत बनते हैं, बल्कि यह उनका ध्यान केंद्रित करने की क्षमता भी बढ़ाता है. इसके अलावा, इन खेलों में बच्चों को सुरक्षा उपायों के तहत प्रशिक्षित किया जाता है, जिससे वे सुरक्षित और मजेदार तरीके से अपनी ऊर्जा का सही दिशा में उपयोग कर सकते हैं.

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1. इको पार्क में कर सकते हैं वॉल क्लाइंबिंग व रोप क्लाइंबिंग

शहर के इको पार्क में बच्चों के लिए बनाये गये एडवेंचर पार्क को और अधिक रोमांचक बनाया गया है. यहां के बर्मा ब्रिज, जिग जैग ब्रिज, सस्पेंशन ब्रिज, नेट ब्रिज, जिपलाइन, वॉल क्लाइंबिंग, और जिप साइकिल जैसे आकर्षक खेल बच्चों के बीच बेहद लोकप्रिय हैं. इन गतिविधियों के लिए मात्र ₹100 का शुल्क लिया जाता है, जो बच्चों को एक्शन-पैक्ड और रोमांचक अनुभव देता है. इन खेलों के अलावा, स्केटिंग ग्राउंड भी तैयार किया गया है, जहां पंकज और अर्जुन जैसे प्रशिक्षक बच्चों को सही तरीके से स्केटिंग सिखाते हैं. गर्मी की छुट्टियों में यहां बच्चों की संख्या बढ़ जाती है और रोजाना 30-40 लोग एडवेंचर का आनंद लेने आते हैं, जबकि वीकेंड्स पर यह संख्या बढ़कर 50-65 हो जाती है.

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2. पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में स्पोर्ट क्लाइंबिंग का रोमांच

स्पोर्ट्स क्लाइंबिंग एसोसिएशन ऑफ बिहार के सेक्रेटरी सैयद अबादुर रहमान बताते हैं अगर आपका बच्चा पहाड़ चढ़ने का शौक रखता है, तो पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का स्पोर्ट क्लाइंबिंग उन्हें जरूर आकर्षित करेगा. पिछले साल की शुरुआत में ओलंपिक खेल का हिस्सा बने इस खेल की शुरुआत खेल मंत्री सुरेंद्र मेहता और बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के महानिदेशक रविंद्रन संकरण द्वारा की गयी थी. यहां बच्चों को लीड, स्पीड और बोल्डरिंग जैसे तीन मुख्य श्रेणियों में प्रशिक्षण दिया जाता है. सीएम नीतीश कुमार भी इस पहल की सराहना कर चुके हैं. बता दें कि यहां पर रोजाना 50 से अधिक बच्चे प्रशिक्षण लेते हैं और उनकी उम्र 8 से 30 साल तक है. स्पोर्ट क्लाइंबिंग वॉल बिहार की पहला वॉल है, जो राष्ट्रीय स्तर का है. जिसकी ऊंचाई 30 फुट है.

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3. जलालपुर फन, एक स्पॉट पर मिलेगा सबकुछ

जलालपुर फन पार्क सोनपुर के पास है. जो जेपी सेतु के खत्म होते ही जलालपुर थाने के दायीं तरफ है. यहां आप अपने बच्चों को 15 से अधिक तरह के वाटर स्पोर्ट्स व फन से जोड़ सकते हैं. यह बिहार का पहला एडवेंचर जोन है, जहां गंगा के किनारे एडवेंचर जोन बनाया गया है. यहां बच्चों के साथ-साथ बड़े भी एडवेंचर से जुड़ सकते हैं. यहां गो कार्टिंग, ह्यूमन गेरो, रॉकेट इंजेक्टर, 360 साइकलिंग, हॉर्स राइडिंग, वोटिंग, नेट क्रिकेट, बाइक स्टंट, ट्रापोलाइन, मिक्की माउस, वोटिंग आदि की व्यवस्था है.

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कम खतरे वाले स्पोर्ट्स से करें शुरुआत

इको पार्क में बच्चों को ट्रेनिंग देने वाले पंकज कहते हैं, अगर आपको एडवेंचर स्पोर्ट्स ट्राई करने में डर लग रहा है तो आप छोटे और आसान विकल्पों से शुरुआत करें. आप ट्रैकिंग या साइक्लिंग जैसे एडवेंचर का चयन कर सकते हैं. जब आप अपने डर पर काबू पा लें तो आप बंजी जंपिंग, जैसे स्पोर्ट्स को चुन सकते हैं. इससे आपका आत्मविश्वास भी बना रहेगा. साथ ही आपको मजा भी बहुत आयेगा.

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आइए जानते हैं, आज बच्चों को एडवेंचर स्पोर्ट्स से जोड़ना क्यों जरूरी है

जेडी वीमेंस कॉलेज की स्पोर्ट्स इंचार्ज सांता झा कहती हैं, आज के समय में बच्चों की जीवनशैली बदल चुकी है, जहां मोबाइल, टैबलेट और वीडियो गेम्स ने उनका अधिकांश समय अपनी तरफ आकर्षित कर लिया है. इस डिजिटल युग में शारीरिक गतिविधियों की कमी और मानसिक तनाव बढ़ने के कारण बच्चों के स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पड़ रहा है. ऐसे में एडवेंचर स्पोर्ट्स बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए बेहद महत्वपूर्ण हो सकते हैं.

1. शारीरिक विकास : एडवेंचर स्पोर्ट्स बच्चों के शारीरिक विकास में मदद करते हैं. जिपलाइन, बर्मा ब्रिज, क्लाइंबिंग जैसे खेल न केवल बच्चों के शरीर को चुस्त-दुरुस्त रखते हैं, बल्कि उनके संतुलन, सहनशक्ति और मांसपेशियों को भी मजबूत बनाते हैं. नियमित रूप से इन खेलों में भाग लेने से बच्चों में फिटनेस का स्तर बढ़ता है और वे स्वस्थ रहते हैं.

2. आत्मविश्वास में वृद्धि : एडवेंचर खेलों में बच्चे न केवल शारीरिक रूप से चुनौतीपूर्ण गतिविधियों का सामना करते हैं, बल्कि मानसिक रूप से भी मजबूत होते हैं. जब वे किसी मुश्किल चढ़ाई या गतिविधि को सफलतापूर्वक पूरा करते हैं, तो उनकी आत्मविश्वास में वृद्धि होती है. यह आत्मविश्वास उन्हें अन्य जीवन में भी मुश्किलों का सामना करने में मदद करता है.

3. टीमवर्क और नेतृत्व कौशल: एडवेंचर खेलों में अक्सर बच्चों को टीम के साथ काम करने का अवसर मिलता है. इससे उनके टीमवर्क, सहयोग और नेतृत्व कौशल में सुधार होता है. वे एक दूसरे के साथ मिलकर समस्याओं का समाधान करते हैं और एक दूसरे का समर्थन करते हैं.

4. मानसिक विकास : ये खेल बच्चों के मानसिक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. एडवेंचर स्पोर्ट्स के दौरान बच्चों को समस्याओं का समाधान करना होता है, जो उनकी सोचने की क्षमता को बढ़ाता है. इसके अलावा, यह खेल बच्चों को तनाव मुक्त रखने में भी मदद करते हैं, क्योंकि इन खेलों में मनोरंजन के साथ-साथ मानसिक संतुलन भी बना रहता है.

5. सुरक्षा और सतर्कता: एडवेंचर स्पोर्ट्स बच्चों को सतर्क और चौकस बनाते हैं. खेलों में सुरक्षा के उपायों के बारे में जानकारी देकर, उन्हें जोखिम लेने से पहले सही निर्णय लेने की शिक्षा दी जाती है. यह उनके जीवन में जोखिमों से निपटने की समझ को भी विकसित करता है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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