बच्चों में गंभीर कुपोषण का सामुदायिक प्रबंधन कार्यक्रम की जिलास्तरीय समीक्षा
कार्ययोजना और निष्कर्ष
बैठक के दौरान पोषण और एनीमिया सुधारने के लिए जीवनचक्र दृष्टिकोण अपनाने पर सहमति बनी. जिले में पोषण और स्वास्थ्य सेवाओं को सशक्त बनाने के सुझाव दिए गये. बैठक का समापन इस दृष्टिकोण के साथ हुआ कि एनीमिया मुक्त भारत और कुपोषण का सामुदायिक प्रबंधन कार्यक्रम को एक समन्वित और परिणाम-उन्मुख तरीके से लागू किया जाएगा.बैठक में ठोस कार्य योजनाए़ं बनायी गयी
– जिले के चिन्हित अस्पतालों में आयरन सुक्रोज की उपलब्धता सुनिश्चित करने- गंभीर तीव्र कुपोषित (सैम) बच्चों की पहचान और उनके लिए सामुदायिक प्रबंधन सेवाओं को सुदृढ़ करना
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