Bihar Crime: टेटगामा नरसंहार में SP का एक्शन शुरू, मुफस्सिल थानाध्यक्ष को किया निलंबित

Bihar Crime: टेटगामा नरसंहार को लेकर लापरवाही बरतनेवाले पूर्णिया पूर्व प्रखंड और मुफस्सिल थाना के पदाधिकारी व कर्मियों को चिह्नित करने के बाद प्रशासनिक कार्रवाई का सिलसिला शुरू हो गया है. इस कड़ी में पहली गाज मुफस्सिल थानाध्यक्ष उत्तम कुमार पर गिरी है. घटना पूर्व सूचना संग्रह और सुरक्षात्मक उपायों में उनकी सीधे तौर पर लापरवाही पायी गयी है.

By Paritosh Shahi | July 12, 2025 9:08 PM
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Bihar Crime: पूर्णिया एसपी स्वीटी सहरावत ने बताया कि मुफस्सिल थानाध्यक्ष को निलंबित कर दिया गया है. गौरतलब है कि टेटगामा नरसंहार मामले में कमिश्नर राजेश कुमार और डीआइजी प्रमोद कुमार मंडल संयुक्त रूप से जांच कर रहे हैं. कमिश्नर राजेश कुमार ने प्रारंभिक जांच में ही चौकीदार की तैनाती के मसले पर लापरवाही पायी थी. इसके बाद ही तय हो गया था कि मुफस्सिल थानाध्यक्ष एवं अन्य पदाधिकारी पर कार्रवाई होगी. मुफस्सिल थानाध्यक्ष पर कार्रवाई के बाद अन्य पदाधिकारी भी सकते में आ गये हैं.

देर-सवेर प्रशासनिक खेमे के अफसरों को भी कार्रवाई झेलनी पड़ सकती है. बता दें कि जिला मुख्यालय से करीब 20 किमी दूर पूर्णिया पूर्व प्रखंड के रजीगंज पंचायत के टेटगामा आदिवासी टोला में 6-7 जुलाई की रात डायन बिसाही के आरोप में एक ही परिवार के पांच लोगों को जलाकर मार दिया गया था. मृतकों में कातो देवी(70), उसके बेटा-बहू बाबूलाल उरांव(50 ) व सीता देवी ( 40 ) और पोता व उसकी पत्नी मनजीत कुमार (25) व रानी देवी (20) शामिल थे.

घर से दो किमी दूर बरामद हुआ था शव

मृतकों के घर से दो किमी दूर दरगाह घेसरिया बहियार के जलकुंभी से भरे चाप से पांचों शव को पुलिस ने बरामद किया था. नरंसहार के मामले में मुफस्सिल पुलिस ने 23 नामजद और डेढ़ सौ अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की . अबतक तीन आरोपित गिरफ्तार किये गये हैं. शेष अभियुक्तों की गिरफ्तारी एवं अन्य पहलुओं पर अग्रेतर अनुसंधान के लिए अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी-1 के नेतृत्व में एक विशेष अनुसंधान दल एसआइटी जुटा है.

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पटना हाईकोर्ट के वकीलों की टीम ने की टेटगामा नरसंहार की जांच

टेटगामा नरसंहार को लेकर पटना हाईकोर्ट के वकीलों की पांच सदस्यीय टीम ने शनिवार को रजीगंज पंचयात के टेटगामा आदिवासी टोला का दौरा किया. पांच सदस्यीय टीम में पटना हाईकोर्ट के सीनियर अधिवक्ता योगेश चंद्र वर्मा, अधिवक्ता नीरज कुमार, राम जीवन सिंह, डॉ गोपाल कृष्ण और विजेंद्र कुमार सिंह शामिल थे .


सभी पीड़ित परिजनों से मिले ओर सारी घटना की जानकारी ली. इस मामले में हाईकोर्ट के सीनियर अधिवक्ता योगेश चंद्र वर्मा ने कहा कि इस घटना की जितनी भी निंदा की जाये कम है. यह सभ्य समाज को कलंकित करने वाली अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण घटना हैं .हमारी संवेदना पीड़ित परिवार के साथ है . उन्होंने कहा की यह गांव पूरी तरह अंधविश्वास की चपेट में है जिसके कारण यह जघन्य अपराध यहां के लोगों के द्वारा किया गया. यह घटना पूरी तरह से सुनियोजित होने की संभावना प्रतीत होती है. इसमें पूर्व से ही उक्त परिवार के ऊपर डायन होने का लांछन लगाया जा रहा था .

उन्होंने कहा कि प्रशासनिक स्तर पर जागरूक करने की आवश्यकता है.. हम लोग इसकी जांच कर रिपोर्ट तैयार कर कमेटी को सौंपेंगे .उन्होंने कहा कि हम लोग आज से एक नए अभियान अंधविश्वास मुक्त बिहार की शुरुआत पूर्णिया स

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