39 संवेदनशील स्थानों पर बाढ़ रोकने के उपाय
बाढ़ पूर्व तैयारी के तहत विभाग ने बायसी और अमौर में 15-15 तथा बैसा में 9 संवेदनशील स्थानों पर बाढ़ नियंत्रण कार्य पूरा कर लिया है. किनारों और बांधों की मरम्मत के साथ जलप्रवाह की दिशा को नियंत्रित करने के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं.
नाव, राहत शिविर और पशु चिकित्सा की पूरी व्यवस्था
आपदा से निपटने के लिए जिले में 115 नावें तैनात की गई हैं जिनमें 32 सरकारी और 83 निजी नावें शामिल हैं. प्रशासन ने सभी निजी नाव मालिकों के साथ अनुबंध कर लिया है. वहीं मुख्यमंत्री राहत कोष की मदद से 10 बाढ़ आश्रय स्थल तैयार किए गए हैं.
307 ऊंचे स्थानों को चिन्हित किया गया है, जहां बाढ़ की स्थिति में ग्रामीणों को स्थानांतरित किया जाएगा. साथ ही 257 सामुदायिक रसोई केंद्र भी सुनिश्चित किए गए हैं, जहां आपदा की घड़ी में भोजन उपलब्ध कराया जाएगा.
SDRF जवानों की तैनाती और मेडिकल इंतजाम
जिले में आठ मोटरबोट पर 30 SDRF जवान तैनात रहेंगे जो हर स्थिति में रेस्क्यू और राहत कार्यों को अंजाम देंगे. आपदा की स्थिति में NDRF की टीम को पटना से बुलाने की योजना भी तैयार है. इंसानों के साथ-साथ पशुधन की सुरक्षा के लिए मेडिकल टीमों का गठन कर लिया गया है, और चारा व दवा की पर्याप्त व्यवस्था भी की गई है.
प्रशासन ने कहा तैयार हैं हर स्थिति के लिए
आपदा प्रबंधन पदाधिकारी प्रणव कुमार ने बताया कि जिले के संवेदनशील इलाकों में पहले ही काम पूरा कर लिया गया है. उन्होंने कहा, ‘हमने सभी आवश्यक व्यवस्थाएं कर ली हैं, चाहे वह नावें हों, बाढ़ शरण स्थल हों या सामुदायिक रसोई, सब कुछ ऑन-ग्राउंड सक्रिय है। धमदाहा अनुमंडल को भी प्लान में शामिल किया गया है.’
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