पूर्णिया. डेंगू से बचाव के लिए सतर्कता अपनाने की अपील के बावजूद इसके मरीजों की संख्या धीरे धीरे बढ़ ही रही है. फिलहाल जीएमसीएच के डेंगू वार्ड में पीड़ित मरीजों का आना लगातार जारी ही है. हालात ऐसे हैं कि एक के डिस्चार्ज होते ही दो अन्य नये मरीज भर्ती हो जा रहे हैं. पिछले दिनों डेंगू के कुल तीन मरीज यहां एडमिट थे जिनका इलाज चल रहा था. उनमें से एक मरीज के ठीक होकर डिस्चार्ज होते ही दो अन्य डेंगू से पीड़ित मरीज यहां भर्ती किये गये. इसी क्रम में डेंगू के चार इलाजरत मरीज के बाद एक एक कर डेंगू मरीजों की संख्या आठ तक पहुंच गयी. बीते 9 अक्टूबर को वार्ड में भर्ती कुल 8 डेंगू मरीजों में से चार को छुट्टी दे दी गयी. शेष चार इलाजरत रहे. वहीं दुर्गापूजा के बाद फिलहाल 6 मरीज जीएमसीएच के डेंगू वार्ड में इलाजरत हैं. इनमें से एक को छोड़कर सभी नये मरीज हैं. डेंगू पीड़ित मरीजों में पूर्णिया के अलावा यहां अररिया और कटिहार जिले के भी लोग भर्ती हैं. जीएमसीएच के चिकित्सकों का भी कहना है कि इन दिनों लगभग 2 से 4 की संख्या में प्रतिदिन डेंगू के मरीज पहुंच रहे हैं.
निजी चिकित्सकों के यहां भी पहुंच रहे मरीज
छिडकाव के लिए भी दिए गये हैं निर्देश
पिछले दिनों हुई स्वास्थ्य समिति की समीक्षा बैठक में जिलाधिकारी कुंदन कुमार ने इस बात की भी चर्चा की थी कि अगस्त-सितंबर माह से बारिश होने के कारण डेंगू ग्रसित मरीजों की संख्या में वृद्धि होने लगती है. उन्होंने सभी स्वास्थ्य अधिकारियों को अपने क्षेत्र में डेंगू स्थिति की नियमित जानकारी लेने एवं ठहरे हुए पानी में छिड़काव करवाने का निर्देश दिया था.
बोले चिकित्सक
डेंगू पीड़ित मरीजों का जीएमसीएच में आना जारी है. लगभग 2 से 4 मरीज हर दिन इलाज के लिए आ रहे हैं. सामान्य तौर पर बुखार और जोड़ों में दर्द, उल्टी आदि के ही लक्षण मिल रहे हैं. आवश्यकतानुसार दवा और अतिरिक्त प्लेटलेट्स द्वारा उपचार किया जा रहा है. मरीज एक सप्ताह के अन्दर स्वस्थ होकर अपने घर चले जाते हैं. अबतक कोई गंभीर मामला नहीं आया है.
बोले एपिड़ेमोलोजिस्ट
अभी तक डेंगू के कुल 48 मरीज आये हैं. बाढ़ग्रस्त इलाकों के लिए मेडिकल टीम की व्यवस्था है. स्क्रीनिंग के बाद जांच के लिए पीचसी में सुविधा है अगर पॉजिटिव मामला होता है तो उनके सैम्पल को जीएमसीएच में जांच के बाद डेंगू कन्फर्म किया जाता है और सिमटम का इलाज किया जाता है. विशेष परिस्थिति के लिए जीएमसीएच में व्यवस्था की गयी है.
बचाव के उपाय
– कहीं भी जलजमाव न हो
– सोते समय दिन में भी मच्छरदानी का प्रयोग जरुर करें
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