पूर्णिया. बारिश का मौसम आते ही पहले हरी सब्जी महंगी हुई. अब दलहन और तेलहन आइटम के साथ जीरा और हल्दी के भी भाव बढ़ने लगे हैं. ऐसे में लोगों के किचन का बजट बिगड़ने लगा है. कीमतों में उछाल को लेकर कारोबारियों का अलग तक है जबकि महिलाएं परेशान होकर रह गई हैं क्योंकि किचन में कटौती की गुंजाइश भी नहीं दिख रही. आलम यह है कि सबसे सस्ती मिलने वाली चने की दाल भी 80 से 100 रुपये किलो तक पहुंच गई है. सरसों तेल व अन्य तेलों की कीमत बढ़ने से किचन का बजट खराब हो गया है. गौरतलब है कि पिछले दो महीने के अंदर कई उपभोक्ता वस्तुओं की कीमतों में उछाल आया है. खास तौर पर खाद्य पदार्थों के दाम बढ़ने से अमूमन शहर के हर घर का किचन प्रभावित हो रहा है. बारिश भले ही कम हो रही हो पर इसका मौसम आते ही हरी सब्जियों के दाम चढ़ गये. इससे बचने के लिए चना और अरहर की दाल को विकल्प चुना गया पर इसके दाम भी स्थिर नहीं रहे. इस महंगाई को लोग झेल ही रहे थे कि सरसों तेल के बढ़ते भाव ने घरों में किचन सम्हालने वाली महिलाओं को चिंता में डाल दिया. यदि तेल का ज्यादा उपयोग हुआ तो बजट गड़बड़ाता है और यदि इसमें कटौती की तो जायका बिगड़ जाता है.
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