पूर्णिया. विद्या विहार इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, पूर्णिया एवं ग्लोबल कॉन्फ्रेंस हब, कोयंबटूर, तमिलनाडु के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन ऑन एडवांसमेंट इन साइंस, इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट (आईसीएसइएम) -2025 का रविवार को गरिमामयी वातावरण में उद्घाटन हुआ. कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन एवं राष्ट्रगीत के साथ हुआ. स्वागत भाषण डॉ. हेमंत कुमार (डीन, वीवीआईटी) द्वारा प्रस्तुत किया गया,उन्होंने सभी राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय अतिथियों, वक्ताओं एवं शोधार्थियों का अभिनंदन किया. विद्या विहार रेजिडेंशियल स्कूल के निदेशक इंजीनियर आर. के. पॉल ने उद्घाटन संबोधन किया. उन्होंने संस्थान की शैक्षणिक प्रतिबद्धता एवं शोधोन्मुख वातावरण पर प्रकाश डाला. सम्मेलन के मुख्य संरक्षक एवं वीवीआईटी के निदेशक प्रो. (डॉ.) अशेश्वर यादव, विद्या विहार एजुकेशनल ट्रस्ट के अध्यक्ष राजेश चंद्र मिश्रा, विद्या विहार एजुकेशनल ट्रस्ट के सचिव ब्रजेश चंद्र मिश्रा, प्राचार्य डॉ. सुजीत कुमार, वाइस प्रिंसिपल, बी.टेक डॉ. अनिकेत मानस, वाइस प्रिंसिपल, बीबीए एवं बीसीए डॉ. अभिषेक प्रसून, इंजीनियर सौरभ कुमार (रजिस्ट्रार), विवेक राय (पीजीआरओ) सहित कई वरिष्ठ पदाधिकारी मंचासीन रहे. सम्मेलन के संयोजक इंजीनियर ओम प्रकाश सिंह (एसोसिएट प्रोफेसर, कंप्यूटर विज्ञान एवं परीक्षा नियंत्रक) ने सम्मेलन की पृष्ठभूमि, उद्देश्यों एवं आयोजन की रूपरेखा प्रस्तुत की. उन्होंने बताया कि यह सम्मेलन भारत और विदेश के अनेक विश्वविद्यालयों एवं शोध संस्थानों के लिए एक साझा मंच प्रदान कर रहा है. प्रथम दिवस के मुख्य वक्ता डॉ. एंडी असरीफन (असिस्टेंट प्रोफेसर, मकास्सर स्टेट यूनिवर्सिटी, इंडोनेशिया) रहे. उन्होंने ‘फ्रॉम ड्राफ्ट टू पब्लीकेशन : हाउ एआइ टूल्स ट्रांसफॉर्म द एकेडमिक राइटिंग प्रोसेस’ विषय पर अत्यंत प्रभावशाली व्याख्यान दिया. प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, आइसीएसइएम-2025 में कुल 255 शोध-पत्रों का पंजीकरण हुआ है, जिनमें से 150 को स्वीकृति मिली है, जो 58.8 प्रतिशत की स्वीकृति दर को दर्शाता है. सम्मेलन में 6 देशों, 16 भारतीय राज्यों, 58 कॉलेजों एवं 15 विश्वविद्यालयों से कुल 1042 लेखकों ने भाग लिया है. यह दो दिवसीय सम्मेलन विज्ञान, इंजीनियरिंग और प्रबंधन के क्षेत्र में नवाचार, अनुसंधान एवं वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक सशक्त मंच प्रदान कर रहा है.
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