वीर कुंवर सिंह विजयोत्सव सह विराट क्षत्रिय सम्मेलन में देशभर के जुटे दिग्गज नेता
क्षत्रिय समाज को अपना इतिहास दोहराने की जरूरत: पप्पू सिंह
पूर्णिया के पूर्व सांसद उदय सिंह उर्फ पप्पू सिंह ने कहा कि क्षत्रियों को अपना इतिहास को दोहराने की आवश्यकता है. यदि क्षत्रिय अपनी पुरानी आन, बान और शान को पुन: स्थापित करना चाहते हैं, तो उन्हें अपनी संस्कृति को दोहराना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि राजपूताना इतिहास ही राजपूतों की गौरव गाथा को याद करती है. उन्होंने कहा कि बाबू कुंवर सिंह किसी खास जाति के लोगों के लिए लड़ाइयां नहीं लड़ी बल्कि समाज के सभी वर्गों के लिए दुश्मनों से लोहा लिया. अपनी जाति का सम्मान करना हमारा फर्ज है और समाज के लिए कार्य करना हमारा कर्तव्य है. उन्होंने कहा किसी समय हमारा समाज राजनीति में आगे था लेकिन आखिर वजह क्या रही कि हमारी भागीदारी कमतर होती चली गयी इसपर मंथन करने की जरूरत है. पूर्व सांसद श्री सिंह ने कहा कि आज तलवार का स्वरूप बदल गया है. तलवार को शिक्षा के रूप में देखना चाहिए और अपने अंदर सेवा की भावना लानी चाहिए, समाज खुद आपको अपने बीच ले जाएगा. उन्होंने सबके सम्मान और सबके काम पर जोर दिया और कहा कि क्षत्रिय कोई धर्म नहीं बल्कि एक विचारधारा है.पूर्णिया की धरती से शुरू हुई स्वाभिमान की लड़ाई: आनंद मोहन
अपना धर्म निभाने को आगे आएं क्षत्राणियां : लवली आनंद
देश के इतिहास में क्षत्रिय समाज के गर्व और गौरवपूर्ण योगदान पर प्रकाश डालते हुए शिवहर की सांसद लवली आनंद ने देश के लिए अपनी जान न्योच्छावर करने वाली महिलाओं के प्रति अपना सम्मान व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि देश को जब भी जरूरत हुई ,देश की क्षत्राणियों ने हमेशा आगे बढ़कर अपना धर्म निभाया है. आज भी उन्हें आगे आना होगा. उन्होंने समाज में फैली बुराइयों की ओर इशारा करते हुए व्याप्त कुरीतियों को भी दूर करने का संकल्प लेने को कहा. सभी प्रकार का नशा, दहेज प्रथा व पर्दा प्रथा का विरोध करते हुए उन्होंने महिलाओं को हर क्षेत्र में आगे आने को कहा और बताया कि बगैर महिलाओं की भागीदारी लोकतंत्र की परिकल्पना बेईमानी है. उन्होंने देश के महापुरुषों को अपमानित करनेवालों के खिलाफ सख्त कानून बनाये जाने की भी मांग की.
समाज की दशा-दिशा तय करने की जरूरत: चेतन आनंद
शिवहर के विधायक चेतन आनंद ने कहा कि आज के हालात में हम सब का भविष्य क्या और कैसा हो इसके लिए सभी को एकजुट होकर समाज की दशा और दिशा तय करने की जरूरत है. इस संदर्भ में श्री आनंद ने तय किये गये 17 सूत्री प्रस्ताव भी पेश किये. उन्होंने कहा आज हमारे इतिहास को चुराने की कोशिश हो रही है. हर कोई खुद को वीर कुंवर सिंह का वंशज बता अपनी रोटी सकने में लगा है. सभी को मिलकर इसका ब्लू प्रिंट तैयार करना है. हम सभी इतिहास की लड़ाई लड़ रहे हैं और इसे सभी को गंभीरता से लेने की जरूरत है. उन्होंने बाबू कुंवर सिंह को भारत रत्न दिए जाने की भी मांग की.
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