क्या था मामला
नीट यूजी द्वारा एमबीबीएस 2024 बैच के लिए चयनित होने के बाद उक्त छात्र पूर्णिया मेडिकल कॉलेज में नामांकन के लिए आया था. नामांकन के वक्त दस्तावेजों की जांच में एडमिट कार्ड पर चिपकायी गयी तस्वीर से उसके चेहरे का मिलान नहीं हो रहा था. साथ ही शैक्षणिक प्रमाणपत्रों में भी त्रुटि थी. इससे साफ जाहिर हो रहा था कि अयोग्य छात्र ने डमी परीक्षार्थी बैठाकर यह परीक्षा उत्तीर्ण की है. उस छात्र से शपथपत्र लेकर उसकी नामांकन प्रक्रिया फ्रीज की गयी. इसके साथ ही बीसीइसीइ को इस बारे में सूचित कर दिया गया. बीसीइसीइ ने सीबीआइ को पूरे मामले से अवगत कराया. इसके बाद सीबीआइ ने अग्रेतर कार्रवाई करते हुए उक्त छात्र के खिलाफ वारंट इश्यू किया.
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कॉलेज प्रशासन ने अधिकारी को भेजा था दिल्ली
बीते 23 नवंबर को मुन्ना भाई को छपरा स्थित उसके घर से सीबीआइ अपने साथ ले गयी थी. इस बीच मुन्ना भाई द्वारा राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल में नामांकन के दौरान समर्पित किये गये उसके प्रमाणपत्रों को सीबीआई के दिल्ली स्थित कार्यालय द्वारा मांग किये जाने के पश्चात सभी कागजातों को सौंपने के लिए कॉलेज प्रशासन ने अपने अधिकारी को दिल्ली भेजा था.
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