पूर्णिया. भीषण गर्मी में बिजली की बदहाल व्यवस्था ने बिजली विभाग के दावों की पोल खोल दी है. आलम यह है कि बिजली कटौती से हर कोई परेशान हैं. न तो बच्चों की पढ़ाई सही से हो पा रही और न ही व्यवसाय और उद्योग धंधे ही सही से चल पा रहे हैं. उमस भरी गर्मी के कारण लोगों का सोना तक मुहाल हो गया है. यह अलग बात है कि अभी भी कंपनी के अधिकारी शीघ्र सुधार की बातें कह कर समस्या को टाल रहे हैं जबकि बिजली का संकट लगातार गहरा रहा है. गौरतलब है कि शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र में बिजली का संकट बढ़ गया है. इमरजेंसी और फाल्ट के बहाने प्रायः हर दिन बिजली घंटों गुल हो रही है. ग्रामीण क्षेत्रों में लोड शेडिंग की समस्या से बिजली उपभोक्ताओं में रोष है जबकि शहरी क्षेत्र में बिजली ट्रिपिंग की समस्या से लोगों में आक्रोश बढ़ रहा है. जानकारों की मानें तो बिजली कंपनी द्वारा शहरी क्षेत्र में कभी फ्यूज उड़ने की समस्या तो कभी तार टूटने और मेंटेनेंस की बात बोल कर बिजली कट की जाती है. बिजली कंपनी दावा करती रही है कि शहरी क्षेत्र में पर्याप्त बिजली आपूर्ति हो रही है. आम जन जीवन पर बिजली संकट का प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है. आलम यह है कि रातों में बिजली आपूर्ति बाधित हो रही है जबकि दिन के समय भी ट्रिपिंग का सिलसिला जारी रहता है. लोग इसे विडंबना बताते हैं कि कंपनी द्वारा उपभोक्ताओं के बकाए बिल जमा नहीं करने पर कानूनी कार्रवाई किए जाने का प्रचार प्रसार किया जाता है और प्रीपेड मीटर के नाम पर बेहिसाब बिल वसूला जा रहा है और ठीक इसके उलट उपभोक्ताओं के घरों में बिजली के दर्शन बार-बार दुर्लभ हो जाते हैं. कंपनी के अधिकारी बताते हैं कि नियमित रूप से बहाल बिजली की आपूर्ति बहाल करने के प्रयास किये जा रहे हैं. इधर तकनीकी जानकारों का कहना है कि भीषण गर्मी में अत्यधिक भार पड़ने पर फ्यूज उड़ने सहित अन्य तकनीकी खराबी होने के वजह से बिजली कट हो जाती है.
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