पूर्णिया. शहर के रामबाग स्थित मिल्लिया कान्वेंट इंग्लिश स्कूल में प्रख्यात कथाकार मुंशी प्रेमचंद की 147 वीं जयंती मनायी गयी. इस मौके पर आयोजित समारोह में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे साहित्यकार डॉ रामनरेश भक्त ने कहा कि मुंशी प्रेमचंद का साहित्य समाज और देश-काल की धरोहर है. उन्होंने मनोरंजन के साथ-साथ सामाजिक, आर्थिक और तात्कालीन समस्याओं और कुरीतियों को उजागर करने वाला साहित्य रचा. छात्रों की पाठ्य-पुस्तकों में प्रेमचंद की रचनाएं शामिल रहती हैं. डॉ रामनरेश भक्त ने कहा कि मुंशी प्रेमचंद ने तीन सौ से अधिक कहानियों का लेखन किया है. गोदान,गबन, रंगभूमि, कर्मभूमि, निर्मला जैसे प्रसिद्ध उपन्यास लिखें हैं.इससे पहले कार्यक्रम का आगाज़ करते हुए विद्यालय के प्राचार्य युगल किशोर झा ने कहा कि प्रेमचंद का साहित्य समाज का आईना है. उनकी रचनाओं में दुःख भी है और सुख भी. लगाव भी है, अलगाव भी. प्रेमचंद ने अपनी कहानियों और उपन्यासों के जरिए लोगों में जागरूकता पैदा करने का कार्य किया है. प्रेमचंद का साहित्य बच्चों के लिए भी उतना ही उपयोगी है जितना समाज के लिए. उन्होंने प्रेमचंद की रचनाओं ईदगाह,नमक का दारोगा,पंच परमेश्वर,दो बैलों की कथा का जिक्र करते हुए कहा कि प्रेमचंद ने समाज के हर वृत्तियों और प्रवृत्तियों पर अपनी कलम चलाई.
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