पूर्णिया. परीक्षाफल के प्रकाशन के बाद पीजी सेमेस्टर वन की आंतरिक परीक्षा दोबारा कराने के पूर्णिया विवि के निर्णय पर सवाल उठने लगे हैं. सबसे गंभीर सवाल है कि टीआर जारी होने से पहले छात्र-छात्राओं को यह कैसे पता चल गया कि वे आंतरिक परीक्षा में फेल हो गये हैं. जब आंतरिक परीक्षा का परिणाम आया तभी विवि ने इस परिणाम में सुधार करने के लिए कदम क्यों नहीं उठाये. गर आंतरिक परीक्षा के परिणाम में छात्र-छात्राएं फेल थे तो किस परिस्थिति में उन छात्र-छात्राओं को परीक्षा प्रपत्र भरने की अनुमति दी गयी. यदि अनुमति दी भी गयी तो मुख्य परीक्षा होने से पहले ही दोबारा आंतरिक परीक्षा क्यों नहीं करा ली गयी. फिलहाल, इन सवालों के बीच कुलपति प्रो. विवेकानंद सिंह के निर्देश पर स्नातकोत्तर सेमेस्टर वन दिसंबर 2024 सत्र 2024-26 की सीआइए परीक्षा में फेल हुए छात्र-छात्राओं के लिए 21-22 अप्रैल को पुन: परीक्षा ली जायेगी. विवि मीडिया पदाधिकारी प्रो. संतोष कुमार सिंह ने बताया कि पीजी सेमेस्टर वन के सीआइए की पुन: परीक्षा के अंक पत्रक 24 अप्रैल तक उपलब्ध कराने के लिए विभागाध्यक्षों को कहा गया है. विवि इतिहास में पहली बार दोबारा हो रही आंतरिक परीक्षा विवि इतिहास में यह पहली बार हो रहा है जब परीक्षाफल प्रकाशन के बाद दोबारा आंतरिक परीक्षा आयोजित की जा रही है. सवाल यह है कि फेल छात्रों के हित में विवि ने यह कदम उठाया है या फिर किसी अन्य दबाव में वह आ गया है. वह भी तब जब कुलपति प्रो. विवेकानंद सिंह ने अपने योगदान के पहले दिन ही कहा था कि विवि में कोई भी कार्य नियम और कायदे के मुताबिक ही होंगे. चूंकि यह पीजी की परीक्षा का मामला है जिसके सीधे तौर पर अभिभावक भी वही हैं. सभी 639 अनुतीर्ण छात्रों पर नहीं हुआ विचार स्नातकोत्तर सेमेस्टर वन दिसंबर 2024 की परीक्षा में करीब 639 छात्र-छात्रा अनुत्तीर्ण हुए हैं. मगर विवि का निर्णय केवल सीआइए परीक्षा के लिए हुआ है. इसलिए यह स्पष्ट है कि सभी 639 अनुतीर्ण छात्र-छात्रा इस दायरे में नहीं आएंगे. ऐसे में शेष बचे अनुतीर्ण छात्र-छात्रा मुख्य परीक्षा भी दोबारा कराने की मांग कर सकते हैं जिसे खारिज करने में विवि को असहज स्थिति का सामना करना पड़ सकता है. छात्र संगठनों में चल रहा मंथन पीजी सेमेस्टर वन की आंतरिक परीक्षा दोबारा कराने के पूर्णिया विवि के निर्णय पर छात्र संगठनों में भी मंथन का दौर जारी है. फिलहाल, छात्र संगठन यह देखना चाह रहे हैं कि कितने छात्र-छात्रा आंतरिक परीक्षा में फेल हुए और कितने छात्र-छात्रा मुख्य परीक्षा में फेल हुए हैं. इस संख्या के स्पष्ट होने के बाद छात्र संगठन अपने-अपने तरीके से इस मुद्दे को छात्रहित में उठाएंगे.
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