पूर्णिया. आरएनसाव चौक स्थित प्रसिद्ध श्रीराम जानकी महावीर मंदिर में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी 2 मई से प्रारंभ 24 घंटे का अखंड श्री रामचरित मानस रामायण पाठ व नौ दिवसीय अखंड नवाह रामनाम संकीर्तन का पूर्णाहुति के साथ ही समापन हुआ. मंदिर समिति के विधि सलाहकार सह मीडिया प्रभारी पवन कुमार पोद्दार ने बताया कि इस यज्ञ का शुभारंभ 56 वर्ष पूर्व ब्रह्मलीन समाधी बाबा के द्वारा किया गया था. समाधि बाबा के बाद ब्रह्मलीन अयोध्या दास जी महाराज द्वारा 39 वर्षों तक, तत्पश्चात ब्रह्मलीन रामप्रसाद दास जी महाराज के बाद ब्रह्मलीन महादेव दास, और उनके बाद नथुनी दास जी महाराज द्वारा आज तक उस परम्परा का निर्वहन बखूबी किया जा रहा है. इस अवसर पर लगातार दस दिनों तक मंदिर परिसर में रामायण पाठ व रामनाम संकीर्तन विभिन्न मंडलियों द्वारा किया जाता रहा. प्रत्येक दिन सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु मंदिर में उपस्थित रहे. मंदिर समिति के सचिव आदित्य कर्ण ने बताया कि रामनाम संकीर्तन महायज्ञ नवाह बहुत ही सराहनीय व भव्य धार्मिक आयोजन है. श्रीराम जानकी मंदिर के सभी संतों ने महंत रामअवतार दास महाराज के कुशल नेतृत्व में इस महान यज्ञ को सफल व भव्य बनाया गया. इस यज्ञ को सफल बनाने में रामअवतार दास, शिवानन्द दास, उपेन्द्र दास, विष्णुदेव दास, बिन्देश्वरी दास, भूदेव दास, बनबारी दास के साथ साथ मंदिर समिति के सदस्यों की सराहनीय भूमिका रही है.
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