घटना का कारण पुरानी दुश्मनी बताया
घटना बुधवार की शाम करीब 6 बजे बायसी थानाक्षेत्र के बेरिया स्थित विधायक के मार्केट के पास हुई. घायल रेहान फजल ने बताया कि बुधवार की शाम करीब 6 बजे वह अपना जॉब कार्ड चेक करने गये थे. इसी बीच, विधायक के भाई जैकेउद्दीन, सैयद गुलाम गौस, सैयद हसनैन, सैयद गुलाम रसूल और मो. दस्तगीर उनके पास आये और यह कहकर उसे पकड़कर ले गये कि विधायक बुला रहे हैं. वे लोग विधायक के घर पर ले गये और बाइक के अगला सॉकर से अचानक सभी आदमी एवं विधायक सैयद रूकनुद्दीन मारने लगे. इसी बीच, किसी व्यक्ति ने उनके घर पर सूचना दी. सूचना मिलने पर उनकी मां, बहन और परिवार के अन्य सदस्य भी पहुंच गये. तब तक बायसी पुलिस भी वहां पहुंच गयी. घायल रेहान ने पुलिस को घटना का कारण पुरानी दुश्मनी बताया है.
विरोध में आवाज उठाने पर मिली सजा
घायल रेहान फजल ने बताया कि पिटाई की घटना से तीन दिन पहले बेरिया में जदयू के प्रखंड अध्यक्ष एवं पार्टी के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष शाहिद रजा की अध्यक्षता में एनडीए सरकार की योजनाओं को लेकर एक बैठक हुई थी. इस बैठक में उन्होने विधायक पर मनरेगा जॉब कार्ड में अपने परिवार के लोगों का नाम देने और पैसा गबन करने का मामला उठाया था. इससे पूर्व भी उन्होंने मनरेगा जॉब कार्ड में विधायक के परिवार का नाम देने को लेकर आवाज उठाया था. इसी बात को लेकर विधायक उनसे खफा चल रहे थे.
पानी मांगने पर दिया पेशाब से भरा ग्लास
पीड़ित ने बताया कि जब उन्हें लगा कि पिटाई से उनकी जान चली जायेगी तब अपनी मदद के लिए वे जोर जोर से शोर मचा रहे थे. शोर मचाने पर उनका गला सूख रहा था. पानी मांगा तो ग्लास में पेशाब लाकर दे दिया. पानी में पेशाब का गंध आने पर उसने ग्लास फेंक दिया. उन्होंने बताया कि घटना के बाद उनके द्वारा बायसी थाना में विधायक एवं उनके भाई के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. घटना की सूचना जदयू के जिला एवं प्रदेश स्तर के पदाधिकारियों को दी गयी है. उन्होंने बताया कि वे वर्ष 2009 से बायसी प्रखंड के जदयू उपाध्यक्ष के पद पर हैं.
विधायक ने कहा- आरोप पूरी तरह निराधार
विधायक रूकनुद्दीन ने सभी आरोप को निराधार बताया और कहा कि जो मारपीट हुई, इसमें न तो मैं था और न ही मेरा भाई था. यह मामला स्थानीय स्तर पर घटी है. रेहान ने तबरेज को मारा था, यह मामला थाना में है. मुझे घटना के दो घंटे बाद सूचना मिली. मैंने ही बायसी थाना को सूचना दी. वह पूर्व से ही बिगड़ा हुआ है. गाड़ी चोरी के मामले में जेल भी गया है. मूत्र पिलाने की बात मानवता को शर्मशार करने की बात है. इसकी मेडिकल जांच होनी चाहिए. मनरेगा जॉब कॉर्ड का मामला निराधार है. तालाबों में जो वृक्षारोपण होता था, उसमें जमीन मालिक को जॉब कार्ड खोलवाने का प्रावधान था. लेकिन 2020 में ही उनकी पत्नी का जॉब कार्ड डिलिट हो गया है.
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