जलवायु में बदलाव के बीच परंपरागत खेती में नई तकनीक विधि का प्रयोग लाभकारी

जलालगढ़

By Abhishek Bhaskar | May 27, 2025 6:51 PM
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जलालगढ़. खेती में अब वही किसान उन्नत व प्रगतिशील हो सकते हैं जो परम्परागत खेती में नई तकनीक विधि को प्रयोग करते हैं. बदलते मौसम के मिजाज में खेती को तकनीकी विधि से करना ही लाभकारी सिद्ध होगा. उक्त बातें मंगलवार को खरीफ शारदीय महाभियान 2025 के अंतर्गत प्रखंडस्तरीय खरीफ कर्मशाला सह प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिला उद्यान पदाधिकारी राहुल कुमार ने कहीं. प्रखंड कार्यालय परिसर स्थित ई किसान भवन में खरीफ शारदीय महाभियान का उदघाटन मौजूद महिला कृषकों व कृषि अधिकारी एवं कृषि वैज्ञानिकों ने संयुक्त रूप से किया. मौके पर मौजूद कृषि विभाग के जिला उद्यान पदाधिकारी श्री कुमार ने बताया कि क्षेत्र की जलवायु में बदलाव होने लगा है. इसको लेकर परम्परागत खेती को करते हुए तकनीकी विधि का प्रयोग करना किसान को सबल बनायेगा. साथ ही महिला कृषकों को मशरूम उत्पादन के लिए प्रेरित किया और विभिन्न तरह के अनुदान की जानकारी दी. मौके पर कृषि विगत केंद्र के वरीय वैज्ञानिक सह प्रधान डॉ केएम सिंह ने खरीफ फसलों की तकनीकी रूप से खेती करने तथा कीट व्याधि से बचाव की जानकारी दी. वहीं धान की खेती के लिए सीधी बुआई के बारे में विस्तार से बताया. मौके पर प्रखंड कृषि पदाधिकारी दिलीप रजक, कृषि वैज्ञानिक डॉ एसपी विश्वकर्मा, बीएचओ वेदप्रकाश, अवधेश कुमार, प्रशिक्षु बीएचओ मो साजिद, कृषक समन्वयक निरंजन कुमार झा, श्रवण कुमार, सुप्रिया भारती, कृषक सलाहकार विवेकानंद दास, रवि सुमन भारती, दिलीप कुमार, राहुल कुमार, डोली कुमारी, सहित क्षेत्र के प्रगतिशील किसान, प्रखंड उर्वरक बीज कीटनाशक संघ के प्रखंड अध्यक्ष इरशाद खान आदि मौजूद थे.

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