– कहा- आगे से आयी ऐसी शिकायत तो कार्रवाई तय पूर्णिया. पहली मेरिट लिस्ट पर स्नातक प्रथम सेमेस्टर के नामांकन में कॉलेजों में की गयी अतिरिक्त वसूली को लेकर गुरुवार को प्रधानाचार्यों की बैठक में कुलपति प्रो. विवेकानंद सिंह बिफर पड़े. विवि सीनेट हॉल में बैठक में कुलपति प्रो विवेकानंद सिंह ने कहा कि विवि से पत्रों के माध्यम से कई बार कहा गया कि राजभवन पटना के द्वारा जारी नामांकन शुल्क के अतिरिक्त कोई अन्य पैसा नही लेना है फिर यह चूक केसे हुई. उन्होंने मीटिंग में इस अतिरिक्त शुल्क को तुरंत रोकने का आदेश दिया और हिदायत दी कि यदि भविष्य में किसी महाविद्यालय से ऐसी खबर आती है तब कार्यवाही की जायेगी. यह शुल्क क्यों लिया गया इसे लेकर कुलपति ने खासी नाराजगी प्रकट की. बैठक में मारवाड़ी काॅलेज के प्रधानाचार्य प्रो संजीवा कुमार, जीएलएम कालेज के प्रधानाचार्य प्रो प्रमोद भारतीय, अररिया कालेज के प्रधानाचार्य प्रो रामदयाल पासवान, पूर्णिया महिला महाविद्यालय के प्रधानाचार्य प्रो अनंत प्रसाद गुप्ता ने भी अपने पक्ष रखे. वहीं संबद्ध महाविद्यालयों की ओर से वाइएनपी डिग्री कालेज प्रधानाचार्य, केडी कॉलेज रानीगंज प्रधानाचार्य, एजेएम कॉलेज बनमनखी के प्रधानाचार्य एवं पीएस डिग्री कालेज प्रधानाचार्य ने अपना अपना पक्ष रखा. संबंधन प्राप्त महाविद्यालयों ने कहा कि उन्हें वर्ष 2017 से सरकार द्वारा अनुदान प्राप्त नही हो सका है. कर्मचारियों और शिक्षक बिना मानदेय के ही कार्य कर रहें हैं. वहीं एमजेएमएम महाविद्यालय ने बताया कि महिला अभ्यर्थियों से कोई शुल्क नही लिया जाता है. ऐसे में महिला महाविद्यालय चलाने में बहुत परेशानी होगी. राजभवन से सभी शुल्क निर्धारित : प्रोवीसी प्रतिकुलपति प्रो पवन कुमार झा ने कहा कि राजभवन पटना के द्वारा जारी अध्यादेश में आईडी कार्ड, प्रोसपेक्टस, बिजली पानी सब का शुल्क दिया गया है. फिर यह अतिरिक्त शुल्क क्यों लिया गया. प्रतिकुलपति प्रो पवन कुमार झा ने कहा कि हम सभी नियमों से बंधे हैं और नियमों का पालन करना हम सभी का दायित्व है. आदेश का पालन जरूरी : कुलसचिव कुलसचिव प्रो प्रणय गुप्ता ने कहा कि हम लोगों को एक टीम की तरह काम करना है, इसलिए जो भी आदेश दिया गया है उसका अक्षरश: पालन होना भी चाहिए. विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा सभी के साथ जुडी है. छात्रों की सुविधा का रखें ख्याल : डॉ. नवनीत बैठक में सहायक कुलसचिव शैक्षणिक डा. नवनीत कुमार ने पिछली बैठकों और जारी पत्रों और नामांकन के दौरान किये गये दौरों का हवाला देते हुए कहा कि विद्यार्थियों की सुविधा का ख्याल रखा जाये. जब समर्थ पोर्टल एक पारदर्शी व्यवस्था दे रहा है तब हमें इस व्यवस्था की शुचिता पर गर्व करना चाहिए. समय पर करें डेटा अपडेट: डा. सुमन सागर समर्थ नोडल अधिकारी सुमन सागर ने डेटा और नामांकन होते ही तुरंत अपडेट किये जाने को लेकर अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि डेटा अपडेट किये जाने को लेकर जो भी गाइडलाइन है, उससे पहले से ही सभी वाकिफ हैं. जरूरत इस बात की है कि समय प्रबंधन करते हुए डेटा अपडेट किये जाएं.
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