नशा मुक्ति अभियान के तहत निकाली गयी शोभायात्रा सत्तरकटैया . दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के युवा परिवार सेवा समिति द्वारा रविवार को नशा मुक्ति अभियान के तहत शोभायात्रा निकाली गयी. शोभायात्रा सत्तरकटैया व खादीपुर बाजार का भ्रमण करते हुए सत्संग पंडाल में पहुंची. स्वामी सुकर्मानंद के नेतृव में निकाली गयी शोभायात्रा में शराब, सिगरेट, गुटखा आदि के सेवन से होने वाले दुष्परिणाम की झांकी दिखाई गयी. शोभायात्रा में युवा परिवार सेवा समिति के अलावे संस्थान से जुड़े सैकड़ों श्रद्धालु नारेबाजी करते हुए पैदल यात्रा कर रहे रहे थे. शोभायात्रा के साथ नशा से बचने व नशा सेवन से होने वाले हानि की जानकारी ध्वनि विस्तारक यंत्र से दी जा रही थी. नशा मुक्ति अभियान के बारे में पूछने पर दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के बिहार झारखंड प्रभारी स्वामी यादवेंद्रानंद ने बताया कि नशे की समस्या से मुक्ति आवश्यक है, नशामुक्त भारत बनाने में समाज के लोगों की अहम भूमिका होती है. उन्होंने कहा कि नशा मुक्त भारत अभियान के तहत देशभर में अब तक 1.19 लाख से अधिक शैक्षणिक संस्थानों ने छात्रों व युवाओं को मादक द्रव्यों के सेवन से पैदा होने वाली समस्याओं के बारे में शिक्षित करने के लिए गतिविधियां आयोजित की हैं. मादक पदार्थों की लत को जड़ से समाप्त करने के लिए स्वापक औषधि व मन प्रभावी पदार्थ अधिनियम, 1985 (1985 का केंद्रीय अधिनियम-61) के अंतर्गत नियम अधिसूचित किए गए हैं. फिलहाल स्वास्थ्य विभाग, भारतीय रेडक्रास सोसायटी की प्रदेश एवं जिला स्तरीय संस्थाएं, राज्य बाल परिषद की संस्थाएं एवं स्वैच्छिक संस्थाओं द्वारा नशामुक्ति केंद्रों का संचालन किया जा रहा है. मेडिकल कालेजों में स्थापित नशा मुक्ति एवं परामर्श केंद्रों के माध्यम से भी इस बीमारी को जड़ से समाप्त करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाये जा रहे हैं. इसके अलावा मादक पदार्थों के दुरुपयोग की रोकथाम के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने वालों को पुरस्कार भी दिया जाता है. बावजूद युवाओं में नशे की आदत नहीं कम हो रही है. उन्होंने कहा कि संस्थान से जुड़े वाईपीएसएस के कार्यकर्ताओं ने नशा मुक्ति अभियान को गांव-गांव तक पहुंचाने का संकल्प लिया है. लोगों को नशे से होने वाले भयानक परिणाम की जानकारी दी जाती है और नशा छुड़ाने के लिए संस्थान से जुड़कर ध्यान,साधना तथा मानव सेवा करने के लिए प्रेरित किया जाता है.
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