बाढ़, सुखाड़ से निपटने के लिए की गयी तैयारियों की डीएम ने की समीक्षा सहरसा . जिलाधिकारी वैभव चौधरी ने मंगलवार को संभावित बाढ़, सुखाड़ से निपटने के लिए की गयी तैयारियों की समीक्षा की. इस क्रम में कार्यपालक अभियंता चंद्रायण, कोपरिया, निर्मली व सुपौल द्वारा आवश्यकतानुसार तटबंध मरम्मत संबंधित कार्य पूर्ण होने व तटबंधों के सतत निगरानी के संबंध में जानकारी दी. कार्यपालक अभियंता निर्मली ने कतिपय स्थलों पर अतिक्रमण के संबंध में बताया. जिसके विरुद्ध अविलंब आवश्यक कार्रवाई का निर्देश दिया. सभी कार्यपालक अभियंता बाढ़ नियंत्रण को तटबंधों के लगातार निगरानी व अतिक्रमण व क्षतिग्रस्त करने की चेष्टा संज्ञान में आने की स्थिति में दोषी के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई का निर्देश दिया. वर्षा मापक यंत्रों की वर्तमान स्थिति समीक्षा के क्रम में इसके क्रियाशीलता की स्थिति व माप के भौतिक सत्यापन का निर्देश जिला सांख्यिकी पदाधिकारी को दिया. जांच के बाद तत्संबंधी प्रतिवेदन जिला सांख्यिकी पदाधिकारी अविलंब आपदा प्रबंधन शाखा को उपलब्ध करायें. संभावित बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए पूर्व तैयारी क्रम में उपलब्ध नाव के भौतिक सत्यापन व बाढ़ के दौरान राहत के लिए उपयोग में लिए गये निजी नाव मालिकों से संबंधित लंबित भुगतान कार्य को अविलंब पूर्ण करने का निर्देश दिया. समीक्षा के क्रम में एक महाजाल उपलब्धता के संबंध में बताया गया. साथ ही उपलब्ध लाइफ जैकेट्स के भौतिक सत्यापन का निर्देश दिया. बाढ़ के दौरान राहत कार्य के सुचारु संचालन के लिए एनडीआरएफ व एसडीआरएफ द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. जिसको यथाशीघ्र पूर्ण करने का निर्देश दिया. समीक्षा के क्रम में जिला कृषि पदाधिकारी को बाढ़ की स्थिति में कृषकों को आकस्मिक फसल योजना के तहत नियमानुसार सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से तैयार सूची को कृषि कार्यालय में कार्यरत विभिन्न पदाधिकारियों के माध्यम से औचक रूप से सत्यापित कराने का निर्देश दिया. जिला पशुपालन पदाधिकारी द्वारा समीक्षा के क्रम में पशु चिकित्सालयों एवं चलत पशु चिकित्सालयों में पर्याप्त मात्रा में दवा उपलब्ध होने एवं वर्तमान में 10 एंबुलेंस परिचालित होने के संबंध में बताया गया. जिलाधिकारी ने बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होने पर बाढ़ से प्रभावित होने वाले आंतरिक क्षेत्रों में पशुओं के चिकित्सा के लिए ठोस कार्य योजना तैयार करने का निर्देश दिया. सिविल सर्जन द्वारा समीक्षा के क्रम में सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में पर्याप्त मात्रा में जीवन रक्षक दवा उपलब्ध होने के संबंध में आश्वस्त किया. निर्देश दिया कि सभी स्वास्थ्य संस्थानों में विषरोधी दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करें एवं बाढ़ के दौरान संचालित होने वाले अस्थाई चिकित्सा शिविरों के सुचारु संचालन के लिए माइक्रो प्लान तैयार कर लें. साथ ही चलंत चिकित्सा शिविर के सुचारु संचालन के लिए भी अभी से ही आवश्यक तैयारी प्रारंभ करें. स्वास्थ्य विभाग की अभी से ही बाढ़ से प्रभावित होने वाले क्षेत्रों में यथासंभव चिकित्सा शिविर के आयोजन के लिए आवश्यक कार्रवाई का निर्देश दिया. लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण कार्यालय को शेष चापाकलों के संधारण कार्य, आवश्यकतानुसार नये चापाकलो के अधिष्ठापन कार्य को अविलंब पूर्ण करने का निर्देश दिया. लघु जल संसाधन कार्यपालक अभियंता द्वारा 49 नलकूप वर्तमान में कार्यशील एवं 13 अकार्यशील होने के संबंध में बताया गया. जिसको लेकर शेष नलकूपों के मरम्मती के लिए यथाशीघ्र आवश्यक कारवाई का निर्देश दिया. कार्यपालक अभियंता ग्रामीण कार्य प्रमंडल सहरसा को पूर्व में बाढ़ के कारण क्षतिग्रस्त हुए सड़कों के निर्धारित मानकों के अनुसार पूर्ण मरम्मति का निर्देश दिया. निर्देश अनुपालन में शिथिलता बरतने वाले एजेंसी के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने के साथ संबंधित कार्यपालक अभियंता के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जायेगी. अन्य कार्यालयों को भी मानक संचालन प्रक्रिया के अनुसार तैयारी पूर्ण करने का निर्देश दिया.
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