मॉनसून की बारिश को लेकर मौसम विभाग की संभावनाओं का नहीं दिख रहा असर , किसान अब तक खेतों में नहीं डाल सके हैं धान के बीज सहरसा . मौसम का मिजाज इन दिनों लगातार चढ़ रहा है. अब जबकि मॉनसून की वर्षा की जरूरत है. इस समय भी तेज गर्मी से लोग परेशान हो रहे हैं. किसान पानी की आस में आसमान की ओर टकटकी लगाये हैं. वहीं मॉनसून रूठा हुआ है. मौसम विभाग द्वारा जारी संभावना दूर-दूर तक नजर नहीं आ रही है. पूर्व में जहां जिले में मॉनसून का प्रवेश निर्धारित समय से पहले आने की संभावना व्यक्त की गयी थी. वहीं अब निर्धारित समय 15 से 16 जून तक मॉनसून प्रवेश की संभावना जतायी गयी है. इससे पूर्व गर्मी के बढ़ने की संभावना बनी हुई है. इस बढ़ती गर्मी से लोग घरों में कैद रहने को विवश हैं. कामकाजी लोगों के लिए यह आफत बन गयी है. वहीं किसानों की स्थिति भी खराब होती जा रही है. जिले की मुख्य फसल धान की खेती आज भी मॉनसून के भरोसे ही हो रही है. इस समय किसानों के खेत में बिचडे रोपनी के लिए तैयार हो जाता था. लेकिन अब तक किसान धान के बीज तक खेतों में डाल नहीं पाये हैं. जिससे उनकी फसल पर असर होता दिख रहा है. जबकि मॉनसून की पहली वर्षा जिले में 12 से 14 जून के बीच होती रही है. जिससे किसानों की खेती सुगमता से होती थी. इस बार मॉनसून के अब तक प्रवेश नहीं होने से किसानों के हाथ पांव फूलने लगे हैं. वहीं तपती गर्मी से आम लोगों की परेशानी भी बढ गयी है. खासकर दैनिक मजदूरों पर तेज गर्मी का काफी असर पड़ रहा है. मॉनसून की बेरुखी से किसानों को दिक्कत शहरी लोग तो गर्मी से झुलस ही रहे हैं. साथ ही उन्हें एसी या कूलर से काफी हद तक राहत भी है. लेकिन असल दिक्कत गांव के किसानों के लिए है. धान का बीज डालने का समय आ चुका है. बरसात नहीं होने की वजह से किसान रुके हैं. किसानों के लिए दिक्कत यह है कि खेत में पानी डालते ही सूख जा रहा है. ऐसे में आसमानी बारिश का आना बेहद जरूरी है. लेकिन मॉनसून इस वर्ष क्या रूख अख्तियार करता है, अब भी सही से कहा नहीं जा सकता. लेकिन बढती गर्मी को देख शायद संभावित तिथि भी कहीं आगे ना बढ़ जाये. जबकि मॉनसून का बिहार में प्रवेश पूर्णियां जिले से होता रहा है. जहां से दूसरे या तीसरे दिन कोसी प्रमंडल में प्रवेश होता है. मॉनसून की बेरुखी से सबसे अधिक प्रभावित किसान हो रहे हैं. अगवानपुर कृषि विज्ञान केंद्र के तकनीकी पदाधिकारी जितेंद्र कुमार ने कहा कि मॉनसून 15 जून को पूर्णिया के रास्ते बिहार में कदम रखेगा. इसके पहले 14 जून से ही मौसम बदलना शुरू हो जायेगा. जिसका पहला प्रभाव 16 जून को कोसी क्षेत्र के जिलों में दिखेगा.
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