उड़ान भरने को तैयार हो रहा सहरसा

उड़ान भरने को तैयार हो रहा सहरसा

By Dipankar Shriwastaw | May 24, 2025 6:43 PM
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एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के डीजीएम सिविल ने हवाई अड्डे का किया निरीक्षण हवाई अड्डा विस्तार में आ रहे एब्ट्रेक्शन से जिले के अधिकारियों को दी जानकारी 22 सौ मीटर का बनेगा रनवे सहरसा. प्रमंडलीय मुख्यालय सहरसा को उड़ान योजना में शामिल करने के बाद हवाई सेवा शुरू करने की पहल में काफी तेजी आ गयी है. केंद्र सरकार ने सहरसा हवाई अड्डे को उड़ान योजना में शामिल कर जिले वासियों की वर्षों पूर्व की मांग को पंख लगा दिया है. अब वह दिन दूर नहीं जब जिले के लोग भी कम समय में अपने गंतव्य तक पहुंच सकेंगे. इसके लिए धरातल पर दूसरे चरण के प्री फ्री फीजिबिलिटी जांच के लिए छह सदस्यीय टीम ने शनिवार को जिले के वरीय अधिकारियों के साथ हवाई अड्डे की विस्तृत जांच की. जांच टीम में आये एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया के डीजीएम सिविल एसएन ठाकुर ने बताया कि उड़ान योजना में बिहार के छह हवाई अड्डे को चिन्हित किया गया है. जिसमें सहरसा भी एक है. यहां की जांच के लिए उन्होंने पूरे क्षेत्र का निरीक्षण किया है. इसकी रिपोर्ट अपने विभाग को सौंपेंगे. उन्होंने कहा कि यहां 854 मीटर का रनवे तैयार है. लेकिन इसे 22 सौ मीटर करने की जरूरत है. इसके लिए जमीन अधिग्रहण की भी जरूरत होगी. उन्होंने कहा कि पूरे हवाई अड्डे का मुआयना किया गया है. आसपास जो भी एब्स्ट्रेक्शन हैं, उसे जिला प्रशासन को बता दिया गया है. जरूरत के अनुसार उसे हटाया जायेगा. जो एब्स्ट्रेक्शन बचाने लायक होगा, उसे बचाने का भी प्रयास किया जायेगा. वे सभी जांच रिपोर्ट अपने विभाग को विस्तृत रूप से 15 दिनों के अंदर सौंप देंगे. उन्होंने कहा कि सरकार के जिस तरह के विमान संचालन की योजना होगी, उस अनुरूप जमीन अधिग्रहण की जरूरत होगी. यहां विस्तार की संभावना है. थोडे भवनों को हटाने की जरूरत होगी. वहीं टेन कोर्ट से होने वाली कठिनाई को लेकर उन्होंने कहा कि जरूरत होगी तो उपर के दो भवनों को हटाया जा सकता है. अभी जो रनवे तैयार है, उसके अनुसार टेन कोर्ट की बहुमंजिला इमारत एब्ट्रेक्शन कर रही है. लेकिन इसके पूरी तरह जांच के बाद ही निर्धारण हो सकेगा. उपर के दो मंजिल भवन को हटाने से परेशानी समाप्त हो जायेगी. अपर समाहर्ता निशांत ने कहा कि यहां जो जरूरत की आवश्यकता होगी एवं सरकार से जो निर्देश मिलेगा, उस अनुरूप कार्य किया जायेगा. उन्होंने कहा कि जांच टीम अपनी रिपोर्ट विभाग को देगी एवं केंद्र सरकार से राज्य सरकार को रिपोर्ट भेजी जायेगी. राज्य सरकार के निर्देश के अनुरूप यहां सभी जरूरतों को उपलब्ध कराया जायेगा. उन्होंने बताया कि लगभग 60 एकड़ जमीन की जरूरत होगी. जिसे चिन्हित कर लिया गया है. सरकार के निर्देश प्राप्त होते ही जमीन अधिग्रहण सहित अन्य कार्य शुरू किया जायेगा. मौके पर एयरपोर्ट अथॉरिटी के ऑपरेशन पदाधिकारी सुनील कुमार, प्लानिंग के कमला नंद कुमार, एटीएम प्रवीण कुमार, नगर आयुक्त सुशील कुमार मिश्रा, जिला भू अर्जन पदाधिकारी सहित अन्य मौजूद थे. पूर्व में भी की गयी थी जांच उड़ान योजना में जिले को शामिल करने के बाद पूर्व में एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के मुख्य भूमि सलाहकार की टीम ने जांच की थी. जिनके पॉजीटिव रिपोर्ट से जिले को 25 करोड़ की राशि एयरपोर्ट डेवलपमेंट को लेकर स्वीकृत की गयी. मुख्य सलाहकार एयरपोर्ट अथॉरिटी अशोक सिंह ने हवाई सेवा के लिए सबसे आवश्यक आर्थिक पहलू की जांच की थी. क्षेत्र में महाविद्यालय, इंजीनियरिंग कॉलेज, मेडिकल कॉलेज, ईट भट्ठा सहित अन्य तरह के संचालित छोटे एवं बड़े उद्योगों की विस्तृत जानकारी जिला प्रशासन से ली थी. आर्थिक सर्वेक्षण में यह भी जानकारी ली गयी है कि यहां के कितने लोग बाहर रहते हैं एवं उनका आना जाना एवं उनकी आर्थिक स्थिति कैसी है. इन सब आर्थिक पहलुओं की गहन समीक्षा में यह पाया गया कि क्षेत्र में एयरपोर्ट सुविधा होना आवश्यक है. जिसे देखते अब आगे की जांच प्रक्रिया चल रही है. पटना के रास्ते होगा हवाई सफर पटना के रास्ते हवाई सेवा शुरू होने की संभावना बतायी जा रही है. सहरसा से पटना एवं पटना से अन्य जगह के लिए हवाई सुविधा से पैसेंजर कम होने की स्थिति में लाभ मिलने की बात जांच में कही गयी है. सहरसा में पैसेंजर कम रहने की स्थिति में पटना से विमान को पूरा पैसेंजर मिल जायेगा एवं विमान सेवा घाटे में नहीं होगी. सहरसा से पटना एवं उसी फ्लाइट से पटना से कोलकाता, पटना से दिल्ली, पटना से मुंबई तक का सफर हो सकेगा. उन्होंने बताया कि आगामी कुछ दिनों में अन्य दूसरी टीम भी यहां जांच को लेकर आयेगी. जिस रिपोर्ट के बाद आगे की प्लानिंग होगी. सर्वेक्षण में यहां हवाई सेवा बहाल होने की पूरी संभावना बन रही है. जल्द ही सहरसा हवाई सेवा से जुड़ जायेगा. ……………………………………………………………… न्यायालय के छह मंजिला इमारत ने की है हवाई सुरक्षा मानकों की अवहेलना न्यायालय में किया जनहित याचिका दायर सहरसा . एयरपोर्ट के सामने बनाये गये छह मंजिला न्यायालय भवन को लेकर कोसी विकास संघर्ष मोर्चा के संरक्षक प्रवीण आनंद ने पटना उच्च न्यायालय में दायर जनहित याचिका में एक गंभीर नियम उल्लंघन को उजागर किया है. उन्होंने कहा कि यह भवन एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के नियमों का उल्लंघन करते बिना एनओसी के बनाया गया है. जबकि डीजीसीए एवं एएआई के नियमानुसार हवाई अड्डे के इर्द-गिर्द उंची इमारतों की अनुमति नहीं है. विशेषकर रनवे के सामने. इससे उड़ान की सुरक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. न्यायालय के छह मंजिला इमारत को हवाई सुरक्षा मानकों के अनुसार अनापत्ति प्रमाण-पत्र लेना आवश्यक था, जो नहीं लिया गया. यह निर्माण ऑब्सटेकल लिमिटेशन सर्फेस के उल्लंघन की श्रेणी में आता है. उन्होंने कहा कि एयरपोर्ट के संचालन में बाधा बनने के कारण अब उड़ान पथ बदलने का दबाव बन रहा है. इससे पांच सौ से अधिक गरीब परिवारों के घर उजड़ने का खतरा उत्पन्न हो गया है. यह निर्माण प्रशासनिक लापरवाही एवं गरीब विरोधी नीति को उजागर करता है. प्रवीण आनंद ने कहा कि यह केवल एक भवन नहीं बल्कि सैकड़ों गरीबों के जीवन एवं एयरपोर्ट की सुरक्षा का सवाल है. नियमों को ताक पर रखकर बनाये गये इस भवन पर पुनर्विचार जरूरी है. उन्होंने कोर्ट से एवं सरकार से मांग की है कि गरीबों को सुरक्षा एवं हवाई अड्डा का निर्माण दोनों को प्राथमिकता दी जाये.

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