वेतन भुगतान की मांग को लेकर सफाई कर्मियों ने नगर आयुक्त का किया घेराव

वेतन भुगतान की मांग को लेकर सफाई कर्मियों ने नगर आयुक्त का किया घेराव

By Dipankar Shriwastaw | May 20, 2025 6:08 PM
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आश्वासन के सहारे सफाई कर्मियों को किया गया शांत, 266 सफाई कर्मियों के भरोसे हो रही शहर की सफाई विभागीय निर्देश का इंतजार कर रहे नगर आयुक्त रद्द कार्य एजेंसी की कमेटी बनाकर होगी जांचः निगम आयुक्त सहरसा . नगर निगम के सफाई कर्मी पिछले 10 दिनों से अधिक समय से अपने वेतन भुगतान की मांग को लेकर हड़ताल पर हैं. जिससे शहर में सफाई व्यवस्था पूरी तरह चरमराई हुई है. हालांकि दो गुटों में बंटे सफाई कर्मियों के एक गुट के 266 सफाई कर्मियों द्वारा शहर में सफाई व्यवस्था की जा रही है, जो पर्याप्त नहीं है. एनजीओ के माध्यम से कार्यरत सफाई कर्मचारियों की हड़ताल जारी है. जिससे घरों से कचरा उठाव नहीं हो रहा है. साथ ही चौक-चौराहों पर भी कचरे का जमाव देखा जा सकता है. नगर आयुक्त ने सफाई एजेंसी एम ऑफ पीपल के अनुबंध को रद्द कर दिया है. जिसकी विभाग से भी स्वीकृति मिल गयी है. लेकिन अपने लगभग ढ़ाई महीने के वेतन भुगतान की मांग को लेकर सफाई कर्मी लगातार निगम का चक्कर लगा रहे हैं. इधर मंगलवार को नगर आयुक्त के निगम कार्यालय पहुंचते ही एजीओ के तहत कार्यरत सफाई कर्मियों ने अपने बकाए वेतन भुगतान की मांग को लेकर नगर आयुक्त का घेराव कर दिया. हालांकि समझा बुझाकर नगर आयुक्त अपने कार्यालय पहुंचे एवं सफाई कर्मियों के शिष्टमंडल से कार्यालय में वार्ता की. हालांकि इसका फलाफल कुछ भी सामने नहीं आया. दो भागों में बंटा दिख रहा नगर निगम सफाई कर्मियों की हड़ताल पर नगर निगम आयुक्त एवं महापौर के बीच ठन गयी है. जिससे पिछले 10 दिनों से अधिक समय से सफाई व्यवस्था शहर में नाममात्र की रह गयी है. नगर आयुक्त ने जहां सफाई एजेंसी के अनुबंध को रद्द कर दिया है. वहीं सफाई कर्मचारियों के वेतन भुगतान को लेकर महापौर व नगर आयुक्त के बीच जुबानी जंग जारी है. इस बीच नगर आयुक्त व महापौर के निजी सचिव के बीच विभागीय लेन देन का ऑडियो वायरल होने से जितनी मुंह उतनी बातें सुनी जा रही है. लेकिन समस्याओं के समाधान के लिए कहीं से भी निराकरण सामने नहीं आ रहा है. सफाई कर्मी की मांग अनसुनी हो रही है. कार्य एजेंसी से मांगा गया सफाई कर्मियों का नाम नगर निगम आयुक्त सुशील कुमार मिश्रा ने बताया कि सफाई एजेंसी से उनके साथ कार्य करने वाले सफाई कर्मचारियों की विस्तृत जानकारी मांगी गयी है. लेकिन एजेंसी द्वारा अभी तक उनके नाम नहीं दिया गया है. जिससे बाधा उत्पन्न हो रही है. उन्होंने कहा कि जहानाबाद की कंपनी को एजेंसी दी गयी थी. कंपनी से उनके साथ कार्य करने वाले सफाई कर्मियों का ईपीएफ सहित अन्य जरूरी कागजात की मांग की गयी है. लेकिन उनके द्वारा अभी तक कागजात नहीं दिये गये है. उन्होंने बताया कि नाम आने के बाद विभागीय निर्देशानुसार कार्य करने वाले सफाई कर्मियों को उनका वेतन भुगतान किया जा सकेगा. इससे पूर्व सफाई कर्मियों के भुगतान की दिशा में कुछ भी करने से वे असमर्थ हैं. 266 सफाई कर्मियों के भरोसे है निगम नगर निगम सफाई को लेकर एजेंसी बहल की गयी थी. लेकिन उसका अनुबंध रद्द होने के बाद उनके तहत कार्य करने वाले सफाई कर्मी अब वेतन भुगतान के लिए हड़ताल पर हैं. जबकि निगम द्वारा भुगतान किये जाने वाले 266 सफाई कर्मियों द्वारा इन दिनों शहर में सफाई का कार्य किया जा रहा है. निगम आयुक्त श्री मिश्रा ने बताया कि जब तक विभागीय निर्देश नहीं मिलता है, तब तक निगम के 266 सफाई कर्मी ही शहर की सफाई का कार्य देखेंगे. जरूरत पड़ी तो अलग से व्यवस्था की जायेगी. उन्होंने बताया कि सफाई एजेंसी के कार्यों को लेकर कमेटी का गठन किया जा रहा है. जांच के बाद सफाई एजेंसी के पास निगम का बकाया बचता है तो उनसे वसूली की प्रक्रिया भी की जायेगी. पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि एनजीओ के तहत कितने सफाई कर्मी कार्य करते हैं, इसकी विस्तृत जानकारी भी एजेंसी द्वारा नहीं दी गयी है. जिसकी मांग की गयह है. सफाई कर्मी को लेकर दो भागों में बंट गया निगम पिछले दस दिनों से सफाई कर्मियों की जारी हड़ताल दो गुटों में बंटती दिख रही है. निगम द्वारा वेतन मिलने वाले 266 कर्मी इससे बाहर निकल गये हैं. जबकि कार्य एजेंसी के माध्यम से कार्य करने वाले लगभग चार सौ से अधिक सफाई कर्मी आज भी अपने वेतन भुगतान की मांग को लेकर निगम कार्यालय में हड़ताल पर डटे हैं. इन सफाई कर्मियों के वेतन भुगतान को लेकर नगर निगम आयुक्त एवं नगर निगम के जनप्रतिनिधि दो गुटों में बंटते नजर आ रहे हैं. निगम आयुक्त ने जहां कार्रवाई करते सफाई कार्य एजेंसी के टेंडर को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया है. वहीं निगम जनप्रतिनिधि शहर में जमा कचरे की हालत को देखते तत्काल समस्या समाधान को लेकर एकजुट दिख रहे हैं. अधिकारी बनाम जनप्रतिनिधि के बीच अब सफाई कर्मी मोहरा बनते नजर आ रहे हैं. जमा कचरे से बढ़ रही परेशानी कार्य एजेंसी के तहत कार्य करने वाले सफाई कर्मियों की हड़ताल से शहरी क्षेत्र से कचरा उठाव नहीं होने से जगह जगह कचरे के ढ़ेर लगा है. जिससे उठने वाली बदबू से लोग परेशान ही नहीं बीमारी की अब आशंका बन गयी है. शहर के मुख्य बाजार में भी जहां तहां कचरे के ढ़ेर लगा है. इसपर आवारा जानवरों के मंडराने से जहां लोगों को खतरा महसूस हो रहा है. वहीं इससे उठ रहे बदबू से लोगों में बीमारी का भी भय सताने लगा है. शहर के हृदयस्थली शंकर चौक से लेकर पूरे मुख्य बाजार डीबी रोड़, महावीर चौक, कपड़ा पट्टी, गांधी पथ, थाना चौक सहित अन्य मुख्य चौक चौराहे पर कचरा जमा होने से लोग परेशान हो रहे हैं. निगम के 266 सफाई कर्मियों से निगम क्षेत्र की पूरी सफाई संभव नहीं दिख रहा है. कहीं कचरे का उठाव हो रहा है तो कहीं यूं ही छोड़ दिया जा रहा है. घरों में लग रहे कचरे के ढ़ेर पिछले दस दिनों से निगम क्षेत्र में सफाई व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो गयी है. कचरा अब घर-घर जमा हो गया है. जिससे आम लोग भी परेशान हो उठे हैं. सफाई कर्मियों के हड़ताल का अब पूरी तरह असर निगम क्षेत्र वासियों पर भी होने लगा है. घर से कचरा उठाव नहीं होने से परेशानी बढ़ गयी है. लोग रात के अंधेरे में आस पड़ोस में कचरा फेंकने लगे हैं. जिससे गली मोहल्लों की स्थिति भी खराब हो रही है. लोगों को सुबह होते ही सफाई कर्मियों की तलाश रहती है. मजबूर होकर लोग घर से जमा कचरा लेकर सड़क किनारे फेंकने पर विवश हैं. वहीं निगम कार्यालय में अधिकारी एवं जनप्रतिनिधियों के बीच ही विवाद गहरा रहा है.

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