Samastipur News:समस्तीपुर : राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2025 के लिए शिक्षा मंत्रालय ने पोर्टल खोल दिया है. 13 जुलाई तक शिक्षक पोर्टल पर जा कर, ऑनलाइन अपना नॉमिनेशन कर सकेंगे. https://nationalawar dstoteachers.educati on.gov.in इस लिंक पर जाकर उत्कृष्ट कार्य करने वाले शिक्षक ऑनलाइन नॉमिनेशन कर सकेंगे. 15 तक अंतिम रूप से शिक्षक ऑनलाइन नॉमिनेशन पोर्टल पर जमा कर सकेंगे. बिहार से अधिकतम 6 शिक्षकों का चयन किया जायेगा. अंतिम रूप से शिक्षकों का चयन राष्ट्रीय स्तर पर बनी चयन कमेटी की ओर से किया जायेगा. चयनित शिक्षकों को 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के मौके पर राष्ट्रपति के हाथों सम्मानित किया जायेगा. इसके लिए आवेदन देना होगा. डीईओ कामेश्वर प्रसाद गुप्ता ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार भारत के शिक्षकों के लिए सर्वोच्च सम्मानों में से एक है. इसे पाना हर शिक्षक का सपना होता है. इस योजना के माध्यम से देश भर के उत्कृष्ट शिक्षकों को उनके शिक्षा के क्षेत्र में योगदान के लिए सम्मानित किया जाता है. उल्लेखनीय है कि देश के वैसे शिक्षक जिन्होंने अपनी प्रतिबद्धता और परिश्रम के माध्यम से न केवल स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार किया है, बल्कि अपने छात्रों के जीवन को भी समृद्ध बनाया है. ऐसे शिक्षकों को प्रति वर्ष शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार के द्वारा राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है. इसके लिए विभाग द्वारा आवेदन करने की अंतिम तिथि 13 जुलाई 2025 निर्धारित की गई है. जिले के सभी पात्र शिक्षक इसके लिए आवेदन कर सकते हैं. योजना के लिए पात्रता व मानदंड राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार योजना के लिए केवल नियमित शिक्षक और प्रधानाचार्य आवेदन कर सकते हैं, जिनकी सेवा कम से कम 10 वर्ष पूरी हो चुकी हो. संविदाकारी शिक्षक, शिक्षा मित्र और आमतौर पर सेवानिवृत्त शिक्षक पात्र नहीं हैं. इसी प्रकार शैक्षणिक प्रशासक, शिक्षा निरीक्षक और प्रशिक्षण संस्थानों के कर्मचारी भी पात्र नहीं हैं. शिक्षक अथवा प्रधानाचार्य ने ट्यूशन नहीं की होनी चाहिए. योजना के तहत मान्यता प्राप्त प्राथमिक, माध्यमिक, उच्च माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षक और प्रधानाचार्य आवेदन कर सकते हैं. केंद्र सरकार के स्कूल केंद्रीय विद्यालय, जवाहर नवोदय विद्यालय, सैनिक स्कूल, एटॉमिक एनर्जी एजुकेशन सोसायटी, एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय, सीबीएसई और सीआईएससीई से संबद्ध स्कूल के शिक्षक भी आवेदन कर सकते हैं. अलग तरीके से पढ़ाने की शैली को प्राथमिकता शिक्षक में बच्चों को अलग तरीके से पढ़ाने की शैली को प्राथमिकता दी जायेगी. शिक्षक में नये और रचनात्मक विचारों को अपनाने की प्रवृत्ति होनी चाहिए. शिक्षक ने पढ़ाने के ऐसे तरीके अपनाए हों, जो सामान्य से हटकर और नवाचारपूर्ण हों. शिक्षक की पढ़ाने विधि ने स्कूल, कक्षा, छात्रों या समुदाय की किसी महत्वपूर्ण जरूरत या समस्या को हल किया हो. केवल नया तरीका ही नहीं, बल्कि उसकी गुणवत्ता, समावेशिता, स्थिरता और उसका असर भी दिखता हो. शिक्षक ने स्कूल के अन्य शिक्षकों के साथ मिलकर काम करने और संवाद को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण योगदान दिया हो. शिक्षक ने स्कूल या देश के उद्देश्यों को छात्रों और अभिभावकों की आकांक्षाओं के साथ जोड़ कर काम किया हो. शिक्षक के पास बदलाव लाने की स्पष्ट योजना और सोच रही हो. शिक्षक ने बदलाव लाने के लिए ठोस कदम उठाए हों. शिक्षक ने बदलाव की स्पष्ट रूपरेखा बनाई हो और उसे लागू किया हो. शिक्षक के प्रयासों से छात्रों और समुदाय में स्पष्ट और सकारात्मक बदलाव आया हो. शिक्षक ने पूरी प्रक्रिया में समुदाय के मूल्यों और आदर्शों का पालन किया हो.
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