मोहिउद्दीननगर . प्रखंड के इ-किसान भवन के सभाकक्ष में सोमवार को प्रखंड स्तरीय उर्वरक निगरानी समिति के सदस्यों की बैठक आहूत हुई. अध्यक्षता प्रमुख जवाहरलाल राय ने की. संचालन बीएओ कमलेश कुमार मिश्र ने किया. इस दौरान सदस्यों को निगरानी समिति के दायित्व व कार्यों के बारे में बताया गया. इस क्रम में उर्वरक विक्रेताओं के प्रतिष्ठान पर निर्धारित मूल्य पर उर्वरक विक्रय करना, उर्वरक का आवंटन बढ़ाने सहित कई बिंदुओं पर विस्तृत चर्चा की गई. उर्वरक विक्रेताओं को निर्देश दिया गया कि किसानों को फसल की बोआई के दौरान उर्वरक की कमी व कालाबाजारी नहीं होनी चाहिए. उर्वरक विक्रेताओं ने बताया कि सीमावर्ती प्रखंड विद्यापतिनगर व सरायरंजन के किसान भी विभिन्न प्रकार के उर्वरकों की खरीदारी के लिए खासकर मदुदाबाद पहुंचते हैं. इससे दबाव व मजबूरी में इन किसानों को उर्वरक की आपूर्ति करनी पड़ती है. फलत: स्थानीय किसानों को उर्वरक आपूर्ति करने में कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है. वहीं नैनो यूरिया व डीएपी के लिए किसानों व उर्वरक विक्रेताओं के बीच बन रही असमंजस व गतिरोध पर विस्तृत चर्चा की गई. विक्रेताओं ने कहा कि आज भी किसान नैनो यूरिया व डीएपी का फसल बोआई व परिपक्वन के दौरान कम मात्रा में प्रयोग करते हैं हालांकि किसानों को इसके फायदे के बारे में बताने पर भी रुचि नहीं दिखाई पड़ती है. कहा कि थोक विक्रेताओं द्वारा एफओआर नहीं दिया जाता है. जबरन डीएपी के साथ अन्य उर्वरक भी दिया जाता है. वहीं जिला मुख्यालय व रैक प्वाइंट से उर्वरकों के परिवहन के दौरान अतिरिक्त व्यय करना पड़ता है. इससे निर्धारित मूल्य पर उर्वरक बेचना घाटे का सौदा साबित हो रहा है. उर्वरक विक्रेताओं की समस्याओं को लेकर प्रमुख ने जिलाधिकारी, संयुक्त कृषि निदेशक व डीएओ से मिलकर वस्तुस्थिति से अवगत कराने की बात कही. इस मौके पर कृषि समन्वयक प्रभात कुमार सिंह, गौतम चौधरी, मुकेश कुमार, मनोज चांडक, अमित कुमार, शिवशेखर राय, अमित सिंह, मो. इमामउद्दीन, वीरबहादुर सिंह, सुदेश चौधरी, राम कुमार चौधरी, मनोज कुमार चौधरी, सुरेश चौधरी, अनिल साह, राहुल राय, सत्यवान कुमार मौजूद थे.
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