Samastipur News:बागमती नदी का पानी बूढ़ी गंडक में गिराना खतरनाक : समिति

बूढ़ी गंडक बागमती संघर्ष समिति की ओर से रामचंद्र महतो, रामाश्रय महतो, सुरेंद्र सिंह आदि ने जिलाधिकारी व मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजते हुए योजना को रद्द करने की मांग की है.

By Ankur kumar | June 20, 2025 6:08 PM
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Samastipur News:समस्तीपुर : बूढ़ी गंडक बागमती संघर्ष समिति की ओर से रामचंद्र महतो, रामाश्रय महतो, सुरेंद्र सिंह आदि ने जिलाधिकारी व मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजते हुए योजना को रद्द करने की मांग की है. इस बाबत संघर्ष समिति की ओर से श्री महतो ने कहा कि शिवहर जिले के वेलवा में व समस्तीपुर जिले के घोंघराहा में 65 हजार घनसेक बहाव क्षमता के दो हेड रेगूलेटर से बागमती नदी के बाढ़ के पानी को बाढ़ अवधि में बूढ़ी गंडक में डालने की योजना है. बागमती एवं बूढ़ी गंडक दोनों नदियों में प्रायः एक ही समय में बाढ़ का पानी आता है. बूढ़ी गंडक का तटबंध अपने ही पानी के दबाव से अनेकों बार टूट कर जान-माल को क्षति पहुंचाता रहा है. साथ ही मुजफ्फरपुर एवं समस्तीपुर जैसे प्रमुख शहर के मध्य से नदी गुजरने के कारण तटबंधो के अन्दर बड़े-बड़े व्यवसायिक एवं आवासीय मकान बन गये हैं. जिसके कारण पानी के कारण स्वभाविक बहाव रूकता है एवं जलस्तर में वृद्धि होता है. ऐसी हालत में बागमती के अतिरिक्त 65000 घनसेक बाढ़ के पानी के तटबंध से सुरक्षित क्षेत्र खास कर मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, बेगूसराय एवं खगड़िया जिले की पूरी आबादी को जान-माल का खतरा होगा. जिस शांति नाला के रास्ते 15000 घनसेक बागमती के पानी को बाढ़ निरोधक फाटक (त्रिमुहानी) से बूढ़ी गंडक में ले जाने की योजना है वह शान्ति नाला कल्याणपुर, खानपुर, वारिसनगर, शिवाजीनगर एवं दरभंगा जिला के हायाघाट प्रखण्ड के वर्षात के पानी से भरा रहता है. नतीजा होगा उपरोक्त सभी प्रखण्डों में भंयकर जल जमाव हो जायेगा. खानपुर प्रखण्ड के चमरबद्धा, बलहा, डगरुआ, धाईध, विशनपुर, हरिपुर, समना एवं वारिसनगर के भादो, किशंपुर, नवटोल की पुरी आबादी को विस्थापित होना पड़ेगा. बाढ़ अवधि के दौरान, बूढी गंडक के तटबंध में पूर्व से बना बाढ़ निरोधक फाटक नहीं खुलेगा एवं बाढ़ अवधि के बाद भी विलम्ब से फाटक खुलने के कारण सम्पूर्ण समस्तीपुर जिला में जलजमाव होगा. इस कारण प्रस्तावित कार्य प्रारंभ होते ही कार्य स्थल पर लोगों ने आक्रोशपूर्ण विरोध भी किया है. कृषि कार्य प्रभावित होगा. गठित सन्याल तकनीकी कमेटी ने भी बूढ़ी गंडक में अतिरिक्त पानी डाले जाने को बूढ़ी गंडक के लिए प्रलयंकारी मानते हुए तकनीकी रूप से व्यावहारिक नहीं माना है. जनहित व तकनीकी दृष्टि से उपरोक्त योजना को स्थगित किया जाये.

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