Samastipur News:बिथान : जिले के अंतिम सिरे पर स्थित बिथान प्रखंड आज भी तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में पूरी तरह उपेक्षित है. यहां न तो अब तक एक भी तकनीकी महाविद्यालय की स्थापना हो सकी है और न ही कोई औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान. यह स्थिति तब है, जब बिथान की भौगोलिक स्थिति बेहद महत्वपूर्ण है. यह समस्तीपुर के साथ-साथ दरभंगा, खगड़िया, बेगूसराय और सहरसा जैसे पांच जिलों की सीमाओं से सटा हुआ एक प्रमुख प्रखंड मुख्यालय है. यहां के युवाओं को हर साल तकनीकी शिक्षा के लिए पटना, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, भागलपुर जैसे दूरस्थ शहरों की ओर रुख करना पड़ता है. इससे न केवल उनका आर्थिक शोषण होता है, बल्कि मानसिक और शारीरिक रूप से भी उन्हें अत्यधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. परिवहन, आवास और जीवनयापन की महंगाई ग्रामीण परिवारों की क्षमता से बाहर होती जा रही है. तकनीकी संस्थानों की अनुपलब्धता ने यहां के होनहार छात्रों के भविष्य पर प्रश्नचिह्न खड़ा कर दिया है. कई प्रतिभाशाली छात्र सिर्फ संसाधनों के अभाव में अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ने को मजबूर हो जाते हैं. अभिभावक भी इस स्थिति से बेहद चिंतित हैं. उनका मानना है कि अगर बिथान में एक आईटीआई, पॉलिटेक्निक या इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थापना हो जाता तो न सिर्फ क्षेत्र का विकास होता, बल्कि स्थानीय युवाओं को यहीं पर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलती और रोजगार के बेहतर अवसर भी बनते. वर्तमान में तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में बिथान पूरी तरह से पिछड़ा हुआ है. यह देखना अब जरूरी हो गया है कि कब यहां की उपेक्षा समाप्त होगी. कब इस क्षेत्र को भी तकनीकी शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ा जायेगा.
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