Home बिहार समस्तीपुर साहित्य समाज को जोड़ने का बड़ा साधन है : रजनीश

साहित्य समाज को जोड़ने का बड़ा साधन है : रजनीश

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साहित्य समाज को जोड़ने का बड़ा साधन है : रजनीश

समस्तीपुर : साहित्य समाज को जोड़ता है. उर्दू साहित्य में उर्दू कविता को महत्वपूर्ण स्थान हासिल है. कविता मनुष्य के व्यापक जीवन संघर्ष और लोक जीवन की अनेक समस्याओं तथा उसके यथार्थ से नाता जोड़ लिया है. कविता सुनने वाला व्यक्ति रचना में अपनी छवि देखा है और मंत्रमुग्ध हो जाता है. उक्त बातें उपनिदेशक अल्पसंख्यक कल्याण रजनीश कुमार राय ने जिला उर्दू कोषांग की ओर से फरोगे ए उर्दू सेमिनार के दूसरे सेशन में आयोजित मुशायरा में कही. उन्होंने कहा कि उर्दू गजल उर्दू साहित्य की एक ऐसी विधा है जिसमें सिर्फ दो पंक्तियों में पूरी बात कही जा सकती है उर्दू गजल में शिल्प के साथ-साथ तकनीक का भी ध्यान रखा जाता है. हम उर्दू पढ़े और लोगों को भी उर्दू पढ़ायें ताकि हम उर्दू साहित्य को गहराई से जान सकें.

– जिला उर्दू कोषांग की ओर से मुशायरा का किया गया आयोजन

मुशायरा में डॉक्टर बिस्मिल आरिफ़ी, काविश जमाली, आफताब समस्तीपुरी, आलम सिद्दीकी, आसिफ वकील, रंजन लता, प्रवीण कुमार चुन्नू, अय्यूब अंसार असरार दानिश, मुकीम दानिश ने काव्य पाठ करते हुए कई विषयों पर प्रकाश डाला. मुशायरा की अध्यक्षता डॉ बिस्मिल आरिफ़ी और संचालन मुकीम दानिश ने संयुक्त रूप से किया. इस अवसर पर प्रभारी पदाधिकारी जिला उर्दू भाषा कोषांग मो. खालिद अनवर जिलानी, शाजिया तमकीन, रहमत अली, मो. तारिकउजमा, डॉ. वासिया इरफाना, पूर्व डिप्टी चेयरमैन शारिक रहमान लवली,सरफराज फाजिलपुरी, मो. सनाउल्लाह, परवेज हक, मो. इरफान, मो. आलम सिद्दीकी, सादिया तबस्सुम, मो. असादुल्लाह, मो. मंजूर आलम ,आदिल रहमान खान, जियाउर रहमान इत्यादि मौजूद थे.

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