– जिले के सभी 2849 सरकारी विद्यालयों को दिये जायेंगे टैबलेट
– ई-शिक्षाकोष पोर्टल से जुड़ेगा टैब
Samastipur News:समस्तीपुर :
जिले के सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में नामांकित करीब 35 फीसदी छात्रों का आधार कार्ड अभी तक ई शिक्षाकोष पर अपलोड नहीं हुआ है. गौरतलब हो कि फर्जी नामांकन व अन्य प्रकार की गड़बड़ी पर नियंत्रण करके पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए स्कूलों में पढ़ने वाले सभी छात्रों का रिकार्ड उनके आधार कार्ड के माध्यम से ई शिक्षा कोष पर अपलोड करना अनिवार्य कर दिया गया है. दरअसल शिक्षा विभाग के द्वारा छात्रों के लिए पोशाक, साइकिल, छात्रवृति, मुफ्त किताब सहित कई प्रकार की कल्याणकारी योजनाओं का संचालन किया जाता है. बच्चों के प्रामाणिक रिकार्ड नहीं होने से पहले योजनाओं में घपले की खूब गुंजाइश रहती थी. लेकिन उनके रिकार्ड को अब वास्तविक व प्रामाणिक बनाने के लिए सरकार ने बच्चों के आधार कार्ड को ई-शिक्षा कोष से जोड़ने का निर्णय लिया है. इस महत्वपूर्ण काम के लिए पिछले कई महीने से विभाग कसरत कर रहा है लेकिन इस काम में विभिन्न वजहों से विभिन्न स्तरों अब तक शिथिलता बरती जा रही है. हालांकि जिला शिक्षा विभाग ने इस मामले की गंभीरता को समझते हुए सभी प्रखंडों में ऐसे छात्रों की सूची जारी कर दी है, जिनके पास आधार कार्ड नहीं हैं. डीपीओ एसएसए मानवेंद्र कुमार राय ने सभी बीईओ को सख्त निर्देश दिया है कि एक सप्ताह के अंदर सभी छूटे हुए बच्चों का आधार कार्ड बनवाकर उसे एप पर अपलोड कराना सुनिश्चित करायें. हाल हीं में शिक्षा विभाग ने जिले के शिक्षा विभाग के अधिकारी को सभी विद्यालय के लिए टैब खरीदने के लिए निर्देश दिया है. ताकि विद्यालय में पढ़ रहे सभी छात्रों की उपस्थिति ऑनलाइन दर्ज किया जा सके. इसके साथ हीं विद्यालय के अन्य गतिविधियों की भी निगरानी किया जा सके. मिली जानकारी के अनुसार, बच्चों को आधार कार्ड बनाने में सबसे बड़ी समस्या जन्म प्रमाणपत्र की कमी के कारण हो रही है. इधर, जिले में आधार कार्ड बनाने वाले ज्यादातर केंद्रों को एजेंसी द्वारा बंद किये जाने से भी इस कार्य में बाधा उत्पन्न हुई है. स्कूलों एवं अन्यत्र आधार केन्द्र के बंद होने से स्कूली बच्चे हीं नहीं, उनके अभिभावक भी परेशान हैं. शैक्षणिक सत्र 2025-26 में जिले के सरकारी विद्यालय में 711050 छात्र-छात्राएं नामांकित हैं, जिनमें से करीब 35 फीसदी छात्रों के पास आधार कार्ड नहीं है या किसी अन्य कारण से विद्यालय में जमा नहीं किया है. बताते चले कि करीब 65 फीसदी छात्रों का आपार कार्ड जेनरेट हो चुका है. जिले के सभी 2849 सरकारी विद्यालयों को टैबलेट दिये जायेंगे. प्रत्येक प्राथमिक और मध्य विद्यालय को दो टैबलेट मिलेंगे. माध्यमिक विद्यालयों और उच्च माध्यमिक विद्यालयों को छात्र संख्या के आधार पर दो से तीन टैबलेट उपलब्ध कराये जायेंगे.टैबलेट से होगी सभी कार्यों की प्रतिदिन निगरानी
जिन शिक्षकों ने अब तक विद्यालय से अधिक समय प्रखंड और जिला मुख्यालयों में बिताया, अब उनकी असली परीक्षा शुरू होने वाली है. राज्य शिक्षा परियोजना निदेशक के पत्र ने जिले के सभी सरकारी स्कूलों के प्रधानाध्यापकों और शिक्षकों की चिंता बढ़ा दी है. अब तक कई विद्यालयों में बच्चों की संख्या मानक से काफी कम है. पढ़ाई का माहौल नदारद है और शिक्षक अन्य गतिविधियों में व्यस्त रहे हैं, लेकिन अब टैबलेट से सजी यह व्यवस्था हर स्कूल की सच्चाई उजागर कर देगी. टैबलेट का उपयोग केवल पढ़ाई तक सीमित नहीं रहेगा. इससे छात्र उपस्थिति, पाठ्यक्रम की प्रगति, परीक्षा परिणाम, मध्याह्न भोजन निगरानी और विभागीय निरीक्षण जैसे कार्य भी किए जायेंगे. जिला शिक्षा कार्यालय को राज्य परियोजना कार्यालय के साथ प्रतिदिन का विवरण साझा करना होगा.
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