समस्तीपुर : जिला में चयनित 27 पीएम श्री विद्यालय में जिला शिक्षा विभाग द्वारा मध्य विद्यालय को टैग करने के मामले में सवाल उठना शुरू हो गया है. बीते शनिवार को जिला शिक्षा विभाग की समग्र शिक्षा संभाग द्वारा पीएम श्री विद्यालय में मध्य विद्यालय को टैग करते हुए 1 अप्रैल से शैक्षणिक सत्र की शुरुआत करने का आदेश निर्गत किया गया. जनप्रतिनिधियों, अभिभावकों व शिक्षकों ने आरोप लगाते हुए कहा है कि शहर स्थित तिरहुत ऐकेडमी में मध्य विद्यालय मुसापुर, उच्च विद्यालय बढ़ौना में मध्य विद्यालय बढ़ौना, बीबीएन उवि रोसड़ा में मध्य विद्यालय मब्बी को टैग करने में पिक एंड चूज का इस्तेमाल किया गया है. शिक्षकों का कहना है कि पूर्व में मुसापुर पंचायत में एक मात्र मध्य विद्यालय मुसापुर बनाया गया था, लेकिन तिरहुत ऐकेडमी में संविलियन करने से इस क्षेत्र के बच्चों को 6 से आठ तक की शिक्षा के लिए तीन से चार किमी दूर तिरहुत एकेडमी जाना पड़ेगा. जबकि शहर स्थित भूमिहीन मध्य विद्यालय गोला रोड, मध्य विद्यालय गांधी पार्क या कन्या मध्य विद्यालय कचहरी को संविलियन किया जा सकता था. शिक्षा विभाग ने कुछेक विद्यालय के बचाने के लिए ऐसा किया. इसी प्रकार बीबीएन उवि रोसड़ा में मध्य विद्यालय मब्बी को संविलियन किया गया. जबकि उसकी दूरी करीब तीन-से चार किमी बतायी जा रही है. बताते चलें कि मध्य विद्यायल मब्बी के परिसर में पूर्व से ही नव उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालय मो. नगर पश्चिम अवस्थित है. ऐसी परिस्थिति में अब मध्य विद्यालय मब्बी के वर्ग 6 से 8 के बच्चों को परिसर में विद्यालय होने के बावजूद करीब 4 किलोमीटर दूर बीबीएन उच्च विद्यालय जाना होगा. विभाग का यह निर्णय स्वयं में ही सवाल खड़े कर रहा है. विद्यापतिनगर प्रखंड अंतर्गत उच्च विद्यालय बढ़ौना में मध्य विद्यालय बढ़ौना को संविलयन किया गया जबकि उवि बढ़ौना के निकटतम में मध्य विद्यालय ब्रह्मोत्तर बढौना है. जिसे संविलियन नहीं कर दूर के विद्यालय को संविलियन किया गया. इस पर आपत्ति जताते हुए शिक्षकों ने ऑफिसियल ग्रुप पर व्यक्त भी किया है. जानकारों की माने तो संविलियन करने विभाग को बच्चों की दूरी, जमीन की उपलब्धता आदि को ध्यान में रखकर किया जाना चाहिए था लेकिन आननफानन में लिये गये निर्णय से ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई है. अभिभावकों ने इसमें अविलंब सुधार करने की मांग प्रभारी डीईओ सह डीपीओ एसएसए से की गयी है. इधर, डीपीओ एसएसए मानवेंद्र कुमार राय का कहना है कि प्रखंडों के द्वारा गुगल ड्राइव पर प्रविष्टि किये गये आंकड़ों के आधार पर मर्ज किया गया है.
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