Samastipur News:पूसा : डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ पीएस पांडेय ने बिहार और झारखंड के 173 वैज्ञानिकों के टीम के साथ उनकी गतिविधियों की जानकारी ली. कुलपति डॉ पांडेय ने सभी वैज्ञानिकों के कार्यों की सराहना की. कहा कि किसानों के तरफ से वैज्ञानिकों के लिए अच्छा फीडबैक प्राप्त हो रहा है. उन्होंने राज्यों के नोडल पदाधिकारियों से भी बात की. उन्हें आवश्यक निर्देश दिये. 3 जून को वैज्ञानिकों ने बिहार और झारखंड के विभिन्न गांवों में किसानों के साथ कृषि में उन्नत प्रौद्योगिकी, सरकारी योजनाओं के बारे में जागरूकता, प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने, मिट्टी परीक्षण और रासायनिक उर्वरकों के न्यायसंगत उपयोग के महत्व आदि पर चर्चा की. वैज्ञानिकों ने किसानों की समस्याओं का तत्काल समाधान किया. किसानों के फीडबैक को नोट कर रिपोर्ट किया. वैज्ञानिकों ने किसानों के साथ लेजर लैंड लेवलिंग, फसल विविधीकरण और कृषि यंत्रों के उपयोग, ड्रोन तकनीक और डिजिटल एग्रीकल्चर पर भी चर्चा हुई. वैज्ञानिकों ने किसानों को कृषि उत्पादों में मूल्य संवर्धन और प्रसंस्करण से आय सृजन के अवसरों पर भी जानकारी दी. किसानों के फीडबैक को नोट कर कंट्रोल रूम को सूचित किया. प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ मयंक राय ने कहा कि विश्वविद्यालय में वैज्ञानिकों की टीम के साथ कृषि विज्ञान केन्द्र के विषय वस्तु विशेषज्ञ भी गांव-गांव जाकर किसानों से संपर्क कर रहे हैं. विश्वविद्यालय के नोडल पदाधिकारी डा रत्नेश झा ने कहा कि विकसित कृषि संकल्प अभियान को सफल बनाने में विश्वविद्यालय की भूमिका अहम है. विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक युद्ध स्तर पर कार्य कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों के साथ जिला के कृषि पदाधिकारी भी उपस्थित रहते हैं. इसके कारण किसानों को सरकारी योजनाओं से संबंधित जानकारियां भी मिल रही है. अगर योजना का लाभ मिलने में कोई समस्या है तो उसका भी तत्काल निराकरण किया जा रहा है.
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