Samastipur : 9वीं से 12वीं में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को तैराकी की अब मिलेगी ट्रेनिंग

जिले के उच्च व उच्चतर माध्यमिक सरकारी स्कूलों में 9वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों को तैराकी का प्रशिक्षण दिया जायेगा.

By Ankur kumar | June 10, 2025 7:02 PM
feature

समस्तीपुर . तैराकी एक महत्वपूर्ण जीवन कौशल है और बच्चों के लिए तैराकी के पाठ बच्चों को पानी में और उसके आस-पास सुरक्षित रहने में मदद करते हैं. जिले के उच्च व उच्चतर माध्यमिक सरकारी स्कूलों में 9वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों को तैराकी का प्रशिक्षण दिया जायेगा. इस योजना का उद्देश्य छात्रों को आपदा प्रबंधन के प्रति सक्षम बनाना है, ताकि जलजनित आपदाओं के दौरान वे स्वयं के साथ दूसरों की भी मदद कर सकें. पहले पोखर या तालाब जहां मौजूद हैं, वहां योग्य और प्रशिक्षित कोच द्वारा विद्यार्थियों को प्रशिक्षण दिया जायेगा. वहीं दूसरी ओर, जिला और प्रखंड स्तर पर भी नए स्विमिंग पूल का निर्माण किया जायेगा. यह संपूर्ण कार्यक्रम बिहार शिक्षा परियोजना परिषद और बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सहयोग से संचालित किया जायेगा. इस योजना को मुख्यमंत्री विद्यालय सुरक्षा कार्यक्रम के तहत लागू किया गया है, जो कि स्कूलों में आपदा से बचाव की शिक्षा देने का एक व्यापक अभियान है. इस योजना का एक अहम लक्ष्य यह भी है कि राज्य में नदियों और तालाबों में डूबने से होने वाली दुर्घटनाओं की संख्या में कमी लाई जा सके.

स्कूली पाठ्यक्रम का अनिवार्य हिस्सा बने

डीपीओ एसएसए मानवेंद्र कुमार राय ने बताया कि तैराकी मजेदार और सशक्त बनाने वाली है, लेकिन यह एक आवश्यक जीवन कौशल भी है जो आपके बच्चों को नहाते समय, पूल या समुद्र तट पर खेलते समय, पिछवाड़े में पूल पार्टी में छप-छप करने की कोशिश करते समय, या कहीं भी जहां पानी हो, सुरक्षित बनायेगा. इस प्रशिक्षण के माध्यम से बच्चों को पानी में प्रवेश करते समय बरती जाने वाली महत्वपूर्ण सावधानियों और अपरिचित जल निकायों से निपटने के दौरान जल पर्यावरण के बारे में जागरूकता सिखाता है. उन्हें सांस लेने के कौशल, तैरने के कौशल और दो जीवित रहने की क्षमताएं (किसी भी पहचाने जाने वाले स्ट्रोक का उपयोग करके 25 मीटर तैरना और 30 सेकंड तक तैरना) सिखाई जायेगी. साथ ही तीन बुनियादी बचाव तकनीकें भी सिखाई जायेगी. इसका उद्देश्य बच्चों को प्रशिक्षित करना है ताकि वे 25 मीटर तक तैर सकें और 30 सेकंड तक पानी में तैर सकें. शिक्षकों का कहना है कि नॉर्वे और यूनाइटेड किंगडम से प्रेरणा लेते हुए भारत को डूबने से होने वाली मौतों और जल-संबंधी दुर्घटनाओं को कम करने के लिए स्कूलों में शारीरिक शिक्षा पाठ्यक्रम के अनिवार्य भाग के रूप में तैराकी और जल सुरक्षा प्रशिक्षण शुरू करने पर विचार करना चाहिए.

तैराकी पाठ के दौरान, बच्चे छह स्तरों पर समय बितायेंगे

स्तर 2 : जलीय कौशल के मूल सिद्धांत: बच्चे बुनियादी तैराकी कौशल सीखेंगे.

स्तर 4 : स्ट्रोक सुधार: बच्चों को तैराकी प्रशिक्षण के दौरान आत्मविश्वास मिलेगा, उनके स्ट्रोक में सुधार होगा तथा अतिरिक्त जलीय कौशल प्राप्त होंगे.

स्तर 6 : तैराकी और कौशल प्रवीणता : छात्र आसानी और कुशलता से तैरना सीखेंगे, और अधिक दूरी तक आसानी से तैरने की क्षमता हासिल करेंगे. तैराकों के पास अधिक उन्नत पाठ्यक्रमों में भाग लेने का विकल्प भी होगा.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

संबंधित खबर और खबरें

यहां समस्तीपुर न्यूज़ (Samastipur News), समस्तीपुर हिंदी समाचार (Samastipur News in Hindi),ताज़ा समस्तीपुर समाचार (Latest Samastipur Samachar),समस्तीपुर पॉलिटिक्स न्यूज़ (Samastipur Politics News),समस्तीपुर एजुकेशन न्यूज़ (Samastipur Education News),समस्तीपुर मौसम न्यूज़ (Samastipur Weather News)और समस्तीपुर क्षेत्र की हर छोटी और बड़ी खबर पढ़े सिर्फ प्रभात खबर पर .

होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version