समस्तीपुर . शैक्षिक पठन के अंतर्गत समूह चर्चा छात्रों को विषय वस्तु को बेहतर ढंग से समझने, विभिन्न दृष्टिकोणों को जानने, और आलोचनात्मक सोच विकसित करने में मदद करती है. यह छात्रों को सक्रिय रूप से सीखने और विचारों को साझा करने के लिए प्रोत्साहित करता है, जिससे उनकी समझ और जानकारी बनाने में सुधार होता है. इसी को मद्देनजर रखते हुए अब कक्षा छठी के छात्र-छात्राएं संघ लोक सेवा आयोग की तर्ज पर ग्रुप डिस्कशन करते नजर आयेंगे. इससे न सिर्फ बच्चों का ज्ञान बढ़ेगा, बल्कि चीजों को वैज्ञानिक तरीके से देखने की उनमें ललक भी पैदा होगी. स्कूली छात्र विज्ञान विषय पर खुद के साथ एक-दूसरे का मार्गदर्शन भी करेंगे. इसके लिए शिक्षा विभाग व उसके साथ मिलकर काम करने वाली एनजीओ ने बच्चों के लिए कार्यक्रम की विस्तृत रूपरेखा तैयार की है. इसके तहत जिले के मिडिल स्कूलों के विद्यार्थियों को काफी फायदा होगा. साथ ही विज्ञान विषय पर उनकी पकड़ और मजबूत होगी. सप्ताह में पांच दिन होने वाले इस प्रोजेक्ट बेस्ड लर्निंग के माध्यम से जिले के स्कूलों की कक्षा छह के बच्चों को लाभ होगा. गौरतलब है कि दीक्षा आधारित माइक्रो इम्प्रूवमेंट प्रोजेक्ट के तहत बच्चों को विज्ञान की बारीकियां समझाने के लिए शिक्षकों को एमआईपी कराया जा रहा है. इसके तहत इस सप्ताह की थीम विज्ञान की दुनिया रखी गई है. शिक्षक ऋतुराज जयसवाल ने प्रोजेक्ट बेस्ड लर्निंग के महत्व पर बल देते हुए कहा कि यह शिक्षण पद्धति छार्चा को प्रयोगात्मक ढंग से सीखने के लिए प्रेरित करती है. इससे न केवल विद्यार्थियों की संलग्नता बढ़ती है, बल्कि शिक्षक आनंददायी तरीके से बच्चें को सिखा सकेंगे. समूह चर्चा छात्रों को प्रभावी ढंग से संवाद करने और सुनने के कौशल विकसित करने में मदद करती है.
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