मोहिउद्द्दीननगर : स्थानीय स्वशासन के रूप में काम करने के लिए लोकतांत्रिक ढंग से गठित पंचायतों के लिए आज कानूनी रूपरेखा विद्यमान है. गांव के लोगों के अभिशासन एवं सेवा प्रदायगी का सबसे नजदीकी एवं सुलभ संस्था होने के कारण ग्राम पंचायतों की भूमिका सर्वाधिक प्रासंगिक एवं महत्वपूर्ण है. यह बातें रविवार को आरबीएस कॉलेज अंदौर की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के सौजन्य से हनुमाननगर में आयोजित स्थानीय स्वशासन में ग्राम पंचायतों की भूमिका विषयक संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए डॉ. श्याम भगत महतो ने कही. संचालन प्रो. ब्रजेश कुमार ने किया. वक्ताओं ने कहा कि सक्रिय एवं सशक्त ग्राम पंचायतों में महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज के सपने को साकार करने का सच्चा माध्यम बनने की क्षमता है. स्थानीय स्वशासन की अवधारणा तभी कारगर हो सकती है, जब नागरिकों की आवश्यकताओं की देखते हुए लोकतांत्रिक ढंग से काम करें, योजना को बनाने में समावेशी दृष्टिकोण अपनाएं व लोगों के प्रति जवाबदेह रहते हुए गरीब एवं कमजोर वर्गों को प्राथमिकता देते हुए योजनाओं को कारगर ढंग से निष्पादित करें. नागरिकों की आवश्यकता को देखते हुए सम्यक दायित्व का निर्वहन करते हुए जनप्रतिनिधि काम करें. स्वावलंबन, स्वशासन व विकेंद्रीकरण के माध्यम से पंचायती राज व्यवस्था को सशक्त व सुदृढ़ बना कर समाज के अंतिम पायदान पर खड़े लोगों को मुख्यधारा में लाने की वर्तमान परिवेश में जरूरत है. इसके लिए जनप्रतिनिधियों को विकासोन्मुख नीति निर्धारण की जरूरत है. इस क्रम में आयोजित प्रतियोगिता में आकृति कुमारी को प्रथम, नीतीश कुमार को द्वितीय एवं ज्योति कुमारी को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ. इस मौके पर डॉ. सुभाष चंद्र सिंह, डॉ. सत्येंद्र कुमार,नरेश कुमार, अजीत कुमार, रुपेश कुमार, राजा कुमार, ज्योति वाला, जाह्नवी कुमारी, रूपेश कुमार राजेश कुमार सहित स्थानीय ग्रामीण मौजूद थे.
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