Bihar News: बिहार में सारण जिले के गड़खा प्रखंड अंतर्गत जलालबसंत पंचायत में विकास योजनाओं की आड़ में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ है. प्रशासन की जांच में सामने आया है कि लगभग 43 लाख 80 हजार रुपए की सरकारी राशि बिना कोई कार्य किए ही निकाल ली गई, और वह भी फर्जी मापी और कागजी कार्रवाई के दम पर.
धोबीघाट से छठ घाट तक सब कुछ सिर्फ कागजों पर
पंचायत में प्रस्तावित कई योजनाएं जैसे छठ घाट निर्माण, धोबीघाट, नाला निर्माण, कब्रिस्तान घेराबंदी और ओपन जिम के लिए भारी-भरकम राशि स्वीकृत हुई थी. लेकिन जमीन पर कोई भी काम नहीं हुआ, फिर भी भुगतान कर दिया गया.
मुखिया के पति के खाते में भेज दी गई सरकारी राशि
सबसे चौंकाने वाला पहलू ये है कि मुखिया निकहत प्रवीण ने योजना की राशि अपने पति के खाते में ट्रांसफर कर दी. जांच रिपोर्ट में इस फर्जीवाड़े में पंचायत सचिव अनिल शर्मा और तकनीकी सहायक आकांक्षा साहनी की भी मिलीभगत पाई गई.
जिलाधिकारी ने दिए सख्त निर्देश
घोटाले की पुष्टि के बाद जिलाधिकारी अमन समीर ने सख्त रुख अपनाते हुए तीनों आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज करने के आदेश दिए हैं. साथ ही पंचायत सचिव और तकनीकी सहायक पर विभागीय कार्रवाई और बकाया राशि की कानूनी वसूली की प्रक्रिया शुरू करने को कहा है.
इस घोटाले की खबर फैलते ही पंचायत में आक्रोश फैल गया है. स्थानीय लोगों का कहना है कि विकास के नाम पर जनता के साथ विश्वासघात हुआ है. लोग अब यह देखना चाहते हैं कि प्रशासन इस भ्रष्टाचार के खिलाफ कितनी सख्ती से कार्रवाई करता है.
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