20 हजार सीटें अब भी खाली, 30 जुलाई को नामांकन समिति की बैठक में हो सकता है स्पॉट एडमिशन पर फैसला नोट-फोटो नंबर 29 सीएचपी 14 है, कैप्शन होगा- जेपीयू का प्रशासनिक भवन प्रतिनिधि, छपरा. जयप्रकाश विश्वविद्यालय, छपरा के अंतर्गत स्नातक सत्र 2025-29 के लिए नामांकन प्रक्रिया आधिकारिक रूप से बंद कर दी गयी है. हालांकि विश्वविद्यालय के अधीन छपरा, सीवान और गोपालगंज के अंगीभूत और संबद्ध कॉलेजों में अब भी लगभग 20 हजार सीटें रिक्त हैं. ऐसे में छात्रों को एक अंतिम मौका दिये जाने की संभावना जतायी जा रही है. विश्वविद्यालय सूत्रों के अनुसार 30 जुलाई को नामांकन समिति की बैठक बुलायी गयी है, जिसमें रिक्त सीटों पर स्पॉट एडमिशन की व्यवस्था को लेकर महत्वपूर्ण निर्णय लिया जा सकता है. इस सत्र में अब तक लगभग 44,350 छात्रों ने आवेदन दिया, जबकि उपलब्ध सीटें लगभग 39,000 ही थीं. तीन सूची जारी होने के बावजूद 20 हजार सीटें खाली रह गयी हैं, जो विश्वविद्यालय प्रशासन के लिए चिंता का विषय बन गया है. पिछली बार की तरह इस बार भी हो सकता है स्पॉट एडमिशन गत वर्ष की तरह इस बार भी विश्वविद्यालय रिक्त सीटों को भरने के लिए स्पॉट एडमिशन का विकल्प दे सकता है, लेकिन इस बार प्रक्रिया में बदलाव की संभावना है. पिछली बार गूगल फॉर्म के जरिये आवेदन के चलते अफरातफरी की स्थिति बन गयी थी. इस बार केवल उन्हीं छात्रों को मौका मिल सकता है, जिन्होंने पूर्व में आवेदन किया था, लेकिन किसी सूची में नाम नहीं आया. कला संकाय में अभी भी हैं पर्याप्त सीटें छात्र कल्याण विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, विज्ञान संकाय में सीटें लगभग खत्म हो चुकी हैं, जबकि कला संकाय के कई विषयों में 50% तक सीटें खाली हैं. विशेषकर दर्शनशास्त्र, अंग्रेजी, संस्कृत, उर्दू, अर्थशास्त्र, ग्रामीण अर्थशास्त्र, भोजपुरी, समाजशास्त्र आदि विषयों में कई कॉलेजों में सीटें शेष हैं. कुछ कॉलेजों में हिंदी, इतिहास और भूगोल जैसे विषयों में भी सीटें बची हुई हैं. विज्ञान संकाय में जूलॉजी, बॉटनी, केमिस्ट्री आदि विषयों में सीटें अत्यंत सीमित हैं. उपस्थिति बढ़ाने के लिए भी बन सकती है रणनीति नयी सत्र की कक्षाएं नियमित रूप से शुरू हो चुकी हैं, लेकिन कई कॉलेजों में छात्रों की उपस्थिति बेहद कम पायी जा रही है. विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा मॉनीटरिंग की जा रही है और उपस्थिति बढ़ाने के लिए विशेष गाइडलाइन जारी की जा सकती है. आज की बैठक के उपरांत सभी कॉलेजों के प्राचार्यों की बैठक भी संभावित है, जिसमें इस पर ठोस निर्णय लिए जाने की संभावना है.
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