सारण: प्रभु राम ने किया था अहिल्या का उद्धार, स्थानीय लोग कर रहे हैं टूरिस्ट स्पॉट बनाने की मांग

रामायण सर्किट से जोड़ने की मांग भी स्थानीय लोगों ने की थी. सारण जिला के वरीय लोक कलाकार व रिविलगंज निवासी उदय नारायण सिंह बताते हैं कि आश्रम से जुड़े तथ्यों को समझने और स्वीकार करने की दिशा में गंभीर होना पड़ेगा.

By RajeshKumar Ojha | April 10, 2024 8:51 PM
an image

प्रभात किरण हिमांशु, छपरा

सारण के रिविलगंज गोदना में स्थित महर्षि गौतम का आश्रम अहिल्या उद्धार के लिए विख्यात है. वर्षों से चली आ रही आस्था, स्थानीय विश्वास, गौतम ऋषि का आश्रम व पौराणिक कथाओं के स्त्रोतों ने इस आश्रम और इससे जुड़ी ऐतिहासिकता को आज भी प्रासंगिक बनाये रखा है. हालांकि जितनी प्रसिद्ध इस पौराणिक स्थल की रही है. उस हिसाब से यहां का विकास नहीं होने से स्थानीय लोग काफी निराश हैं. कुछ वर्ष पूर्व इस क्षेत्र को रामायण सर्किट से जोड़ने की मांग भी स्थानीय लोगों ने की थी. सारण जिला के वरीय लोक कलाकार व रिविलगंज निवासी उदय नारायण सिंह बताते हैं कि आश्रम से जुड़े तथ्यों को समझने और स्वीकार करने की दिशा में गंभीर होना पड़ेगा. वरिष्ठ साहित्यकार व जयप्रकाश विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग की सेवानिवृत्त डीन प्रो उषा वर्मा ने कहा है कि हमें अपने समृद्ध इतिहास को सहेजना होगा. धरोहरों का संरक्षण काफी जरूरी है.

गुरु विश्वामित्र व लक्ष्मण के साथ आये थे राम

सारण जिला मुख्यालय से मात्र छह किलोमीटर दूर  पौराणिक गोदना-सेमरिया वर्तमान रिविलगंज में स्थित है. सारण के जानकार बताते हैं कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम सहित कई महान ऋषि-मुनियों से जुड़ी यहां की कथा का वाल्मीकि रामायण में सम्पूर्ण वर्णन उपलब्ध है. स्थानीय विश्वास है कि इसी स्थान पर महर्षि गौतम के श्राप से पत्थर बनी उनकी पत्नी अहिल्या का उद्धार भगवान श्रीराम ने किया था. 

धनुष यज्ञ में शामिल होने के दौरान आये थे प्रभु राम

भगवान श्रीराम अपने अनुज लक्ष्मण एवं गुरु विश्वामित्र के साथ अयोध्या से धनुष यज्ञ में भाग लेने के लिए जनकपुर जा रहे थे. इसी क्रम में ही बक्सर के जंगल में तारकासुर का वध कर इसी रास्ते से सरयू नदी घाट से जाने के दौरान भगवान श्रीराम के पांव अचानक एक पत्थर से लग गये और उस पत्थर ने नारी का रूप ले लिया. वह नारी और कोई नहीं बल्कि महर्षि गौतम की पत्नी अहिल्या ही थी. अहिल्या का उद्धार कार्तिक पूर्णिमा के दिन हुआ था. कार्तिक पूर्णिमा के दिन हर साल यहां हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं और पाप और श्राप से मुक्त होने के लिए नदी में स्नान करते हैं.

सारण गजेटिअर में भी है गौतम आश्रम का जिक्र

जिला प्रशासन सारण के द्वारा प्रकाशित सारण की संस्कृति व ऐतिहासिकता को विभिन्न तथ्यों से प्रमाणित करती सारण गजेटिअर नामक विवरणिका में भी आस्था और स्थानीय विश्वास को आधार मानकर गोदना रिविलगंज में विद्वान ऋषि गौतम के आश्रम का जिक्र मिलता है. गौतम ऋषि न्याय दर्शन के संस्थापक थे. मिथिला के राजा निमि ने अपने यहां यज्ञ कराने के लिये कुलगुरु वशिष्ट के स्थान पर गौतम ऋषि को नियुक्त किया था. वर्ष 1883 से 87 के बीच बंगाल के लेफ्टिनेंट गवर्नर जनरल सर रिथर्स थाम्पसन व जनता के सहयोग से यहां एक संस्कृत स्कूल की स्थापना हुई. जहां महर्षि गौतम के नयन दर्शन की पढ़ाई होती थी. 

टूरिस्ट स्पॉट बनेगा तो बढ़ेंगे रोजगार के अवसर

रिविलगंज निवासी व सामाजिक कार्यकर्ता भंवर किशोर बताते हैं कि रिविलगंज की इस महान भूमि पर जहां गौतम ऋषि का आश्रम स्थित है. उसकी ख्याति बजरंगबली के ननिहाल के रूप में भी है. इस स्थल को टूरिस्ट स्पॉट के रूप में विकसित किया जाना जरूरी हो गया है. इससे स्थानीय लोगों को रोजगार के भी कई अवसर मिलेंगे. छह माह पूर्व करीब 200 लोगों की एक टीम महाराष्ट्र से यहां भ्रमण के लिए आयी थी. उन लोगों ने भी इस पौराणिक स्थल की काफी प्रशंसा करते हुए इसके जीर्णोद्धार की मांग की थी. 

संबंधित खबर और खबरें

यहां सारण न्यूज़ (Saran News) , सारण हिंदी समाचार (Saran News in Hindi), ताज़ा सारण समाचार (Latest Saran Samachar), सारण पॉलिटिक्स न्यूज़ (Saran Politics News), सारण एजुकेशन न्यूज़ (Saran Education News), सारण मौसम न्यूज़ (Saran Weather News) और सारण क्षेत्र की हर छोटी और बड़ी खबर पढ़े सिर्फ प्रभात खबर पर .

होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version