Bihar News: बिहार के सारण जिले के जलालपुर गांव से निकला एक युवक सरकारी नौकरी के नाम पर ऐसा गोरखधंधा चला रहा था, जो यूपी-बिहार की सीमा पार करते-करते आखिरकार चंदौली पुलिस के हत्थे चढ़ गया. आरोपी अभिषेक सिंह उर्फ छोटू उर्फ संतोष सिंह को यूपी के सकलडीहा में गिरफ्तार किया गया है, जिस पर बिहार और उत्तर प्रदेश के युवाओं से मिलकर सरकारी नौकरी के नाम पर लाखों की ठगी करने का आरोप है.
खेल खत्म तब हुआ जब ‘नौकरी’ के नाम पर पहुंचे थे दफ्तर
देवरापुर गांव के मनीष यादव ने इसकी पोल खोली. उसने जब पुलिस को बताया कि अभिषेक ने उनसे और उनके तीन साथियों से कुल 50 लाख रुपये ठग लिए हैं तब जाकर मामला खुला. इसमें से 29 लाख रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर किए गए थे और 21 लाख नकद. बदले में अभिषेक ने जो जॉइनिंग लेटर, सर्विस बुक और नियुक्ति पत्र दिए, वे सभी पूरी तरह फर्जी निकले.
बिहार के युवाओं को लगा था कि अब वे सरकारी सेवा में कदम रखने जा रहे हैं, लेकिन जब वे विभागीय दफ्तरों में पहुंचे तो दस्तावेजों की असलियत सामने आई और उनके सपने वहीं टूट गए.
सारण के गांव से चला ठगी का नेटवर्क, पुलिस ने किया पर्दाफाश
सकलडीहा के सीओ रघुराज के नेतृत्व में पुलिस टीम ने मामले की गंभीरता को समझते हुए जांच शुरू की. डेढ़ावल चौकी प्रभारी जनक सिंह की टीम ने नहर पुलिया के पास से इस शातिर को गिरफ्तार कर लिया. अभिषेक सिंह के खिलाफ IPC की धाराएं 419 (छल), 420 (धोखाधड़ी), 467 (फर्जी दस्तावेज बनाना), 468 (धोखा देने के इरादे से जालसाजी), 471 (फर्जी दस्तावेज इस्तेमाल) और 120B (साजिश) के तहत केस दर्ज कर उसे जेल भेज दिया गया है.
अब बिहार पुलिस भी होगी अलर्ट, कई और पीड़ित सामने आने की संभावना
पुलिस को शक है कि अभिषेक अकेला नहीं था. वह बिहार में भी इसी तरह के कई युवाओं से मोटी रकम ऐंठ चुका है. इस केस से बिहार के थानों में भी हलचल मचने की संभावना है, क्योंकि आरोपी का ठिकाना जलालपुर ही है और वहां से इसका नेटवर्क ऑपरेट होता रहा है. अब चंदौली पुलिस बिहार के संबंधित थानों से संपर्क में है और पूरे गिरोह की कड़ियों को जोड़ा जा रहा है. पुलिस को उम्मीद है कि आने वाले दिनों में कई और पीड़ित खुलकर सामने आ सकते हैं.
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