सोनपुर. शिक्षा के बिना अच्छे समाज की कल्पना नहीं की जा सकती और इसके लिए केवल सरकार पर निर्भर रहना पर्याप्त नहीं है. सामाजिक सहभागिता से भी शिक्षा का दीप जलाया जा सकता है. उक्त बातें साहित्यकार सुरेंद्र मानपुरी ने स्थानीय पहाड़ीचक कन्या मध्य विद्यालय में आयोजित एक समारोह के दौरान कही. यह कार्यक्रम विद्यालय के प्रथम प्रधानाध्यापक स्व. केशव प्रसाद अंबष्ठ की स्मृति में आयोजित किया गया था. इस मौके पर स्व. अंबष्ठ के पुत्र गौरव प्रसाद अंबष्ठ ने विद्यालय में पढ़ने वाली प्राथमिक कक्षा की बच्चियों के लिए एक लाख रुपये की लागत से बेंच-डेस्क उपलब्ध कराया. साथ ही बच्चियों के बीच अभ्यास पुस्तिका और कलम का वितरण भी किया गया. उन्होंने बताया कि यह सहयोग उनके परिवार और प्रवासी भारतीयों के साथ मिलकर किया गया प्रयास है. समारोह की अध्यक्षता विद्यालय के प्रधानाध्यापक नरेंद्र कुमार सिंह ने की. इस अवसर पर विद्यालय की पूर्व प्रधानाध्यापिका एवं स्व. केशव प्रसाद अंबष्ठ की पत्नी रुक्मिणी कुमारी ने कहा कि उनका इस विद्यालय से भावनात्मक रिश्ता रहा है. वे खुद यहीं पढ़ीं, यहीं प्रधानाध्यापिका रहीं, उनके पति पहले प्रधानाध्यापक थे और आज भी उनकी बेटी यहां शिक्षिका हैं. साहित्यकार सुरेंद्र मानपुरी ने इस सहयोग को समाज के लिए प्रेरणादायक बताया और गीता के चौथे अध्याय में भगवान श्रीकृष्ण द्वारा दी गई शिक्षा की महत्ता को रेखांकित किया. उन्होंने कहा कि विद्यालयों से ही बौद्धिक समाज निकलता है, अतः विद्यालयों को सशक्त बनाना अत्यंत जरूरी है. हरिहरनाथ मंदिर न्यास समिति के कोषाध्यक्ष निर्भय कुमार सिंह ने कहा कि गौरव ने अपने पिता के संस्कारों को आगे बढ़ाया है. यह न सिर्फ इस विद्यालय के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए प्रेरणादायक संदेश है. समारोह को सेवानिवृत्त शिक्षक मदन मोहन प्रसाद, राकेश कुमार, अरविंद कुमार, वार्ड पार्षद सुनील कुमार, मनीष कुमार, कन्हैयाजी, जयप्रकाश एवं अवध किशोर शर्मा ने भी संबोधित किया.
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