बनियापुर. मॉनसून के यूटर्न लेने के बाद मौसम के तल्ख तेवर को देख किसान एक बार फिर अपने को बेबस और लाचार महसूस कर रहे हैं.
पौधों में नहीं हो रही है वृद्धि
चिंता में डूबे किसान, कैसे होगी धान व मक्के की बोआई
मौसम को देखते हुए किसानों ने अपना दुखड़ा सुनाते हुए कहा कि इस बार के हालात को देख ऐसा लग रहा है कि खरीफ मौसम की खेती सुखाड़ की भेंट चढ़ जायेगी. धान और मक्के की बोआई का उपयुक्त समय निकला जा रहा है. आषाढ़ महीना करीब-करीब सूखे में गुजर गया, जिससे धान और मक्के की रोपनी बुरी तरह से प्रभावित हुई है. मौसम की स्थिति को देखकर ऐसा प्रतीत हो रहा है कि देर से की गयी धान और मक्के की बुआई से किसानों को पूरा लाभ नहीं मिल सकेगा. ऐसे में इस बार की खेती-किसानी चौपट होती नजर आ रही है.पंपिंग सेट से पटवन करने में बढ़ रही लागत
विभागीय स्तर पर अबतक किसानों को नहीं मिला लाभ
किसानों का कहना है कि सूखे जैसे हालात उत्पन्न होने के बाद भी अबतक विभागीय स्तर पर किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए कोई कारगर कदम नहीं उठाया गया, जिससे किसान अपने को ठगा महसूस कर रहे हैं. कई किसानों ने बताया कि पूर्व में इस तरह के हालात उत्पन्न होने पर सरकार द्वारा पटवन के लिए डीजल अनुदान का लाभ किसानों को मुहैया कराया जाता था, जिससे पटवन करने में थोड़ी सहूलियत होती थी. मगर अबतक किसानों के हितों को ध्यान में रखकर सरकार द्वारा कोई घोषणा नहीं की गयी है, जिससे किसान परेशान दिख रहे हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है