Saran News : बांसफोर समुदाय से 12वीं उत्तीर्ण करने वाली गांव की पहली छात्रा बनी अंजली
Saran News : शिक्षा के अभाव से जूझते बांसफोर समुदाय के लिए रसूलपुर थाना क्षेत्र के असहनी पंचायत अंतर्गत योगियां गांव की अंजली बांसफोर उम्मीद की एक नयी किरण बनकर उभरी हैं.
By ALOK KUMAR | May 30, 2025 6:26 PM
रसूलपुर(एकमा). शिक्षा के अभाव से जूझते बांसफोर समुदाय के लिए रसूलपुर थाना क्षेत्र के असहनी पंचायत अंतर्गत योगियां गांव की अंजली बांसफोर उम्मीद की एक नयी किरण बनकर उभरी हैं. मुश्किल हालात और सामाजिक सीमाओं के बीच रहकर अंजली ने इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई पूरी की है और अब स्नातक की शिक्षा लेने का सपना देख रही हैं. अंजली अपने गांव के बांसफोर समुदाय की पहली बेटी हैं, जिन्होंने इंटरमीडिएट तक पढ़ाई पूरी की है. कुछ वर्षों पहले तक इस समुदाय के बच्चे दूसरी या तीसरी कक्षा के बाद पढ़ाई छोड़ देते थे, लेकिन अंजली की मेहनत और लगन ने अब एक नया रास्ता खोल दिया है. उनकी प्रेरणा से अब गांव के सोनू, मनीष, चंदन जैसे लड़के 10वीं और 11वीं कक्षा की पढ़ाई कर रहे हैं और कुछ लड़कियां भी आठवीं कक्षा तक पहुंच चुकी हैं.
सामाजिक और आर्थिक चुनौतियां बनीं राह की रुकावट
अंजली के लिए उच्च शिक्षा का रास्ता आसान नहीं है. वह अपने माता-पिता के साथ बांस और बेंत की टोकरी, पंखे, दउरा आदि बनाकर पारंपरिक पुश्तैनी काम भी करती हैं. उनके पिता दरोगा बांसफोर और मां रूपा बांसफोर दैनिक मजदूरी कर घर चलाते हैं. माता-पिता की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है कि वे बेटी को गांव से बाहर किसी शहर में पढ़ा सकें. अंजली कहती हैं, मेरा सपना बीए पास कर कोई अच्छी नौकरी करने का है, लेकिन जब मां-पिता ही आगे की पढ़ाई कराने में असमर्थ हैं तो मैं क्या कर सकती हूं.
जनप्रतिनिधियों ने साथ देने की कही बात
अंजली की अब तक की पढ़ाई में योगियां हाइस्कूल के प्रबंधन और स्थानीय मुखिया अखिलेश इशनाथ यादव की बड़ी भूमिका रही है. उन्होंने न केवल पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित किया, बल्कि इंटर की पढ़ाई के दौरान कई जरूरी खर्चों को भी खुद वहन किया. आरएन हाइस्कूल, योगियां के प्रधानाचार्य लालबाबू यादव और मुखिया अखिलेश यादव ने भरोसा दिया है कि अंजली की पढ़ाई किसी भी हालत में नहीं रुकेगी. उन्होंने कहा कि, अंजली के परिजनों से संपर्क कर उसके आगे की पढ़ाई जारी रखने का हरसंभव प्रयास किया जायेगा. पैसे की कमी को उसकी शिक्षा की राह में रुकावट नहीं बनने दिया जायेगा. गांव के करीब 10 परिवारों वाले बांसफोर समुदाय के लोग अंजली को पढ़ाई करता देख गौरव महसूस कर रहे हैं. अब वे भी अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित हो रहे हैं.
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