छपरा. शहर के स्लम बस्ती में 26 जनवरी को एक विशेष नेत्र जांच शिविर का आयोजन किया गया था. डीएम अमन समीर के निर्देश पर आयोजित इस शिविर का नेतृत्व सिविल सर्जन डॉ सागर दुलाल सिन्हा, नेत्र चिकित्सकों और चक्षु सहायकों ने किया था. इस शिविर में सैकड़ो लोगों ने भाग लिया और अपनी आंखों की जांच करवाई थी. जांच के दौरान कई लोगों में दृष्टि संबंधी समस्याएं पायी गयी. जिन लोगों को चश्मे की आवश्यकता थी, उनकी सूची बनाकर राज्य स्वास्थ्य समिति को भेजी गयी थी. चिकित्सकों द्वारा की गयी इस कार्यवाही के तहत यह अपेक्षा की जा रही थी कि जरूरतमंद लोगों को शीघ्र ही चश्मा वितरित कर दिया जायेगा. लेकिन जांच को हुए पांच माह से अधिक का समय बीत जाने के बावजूद अब तक लाभार्थियों को चश्मा नहीं मिल पाया है. स्थानीय निवासियों में इसको लेकर गहरा असंतोष है. लोगों का कहना है कि सरकार की स्वास्थ्य योजनाएं सिर्फ कागजी खानापूर्ति तक सीमित होकर रह गयी हैं, जबकि जरूरतमंद जनता तक सुविधाएं नहीं पहुंच पा रही हैं. स्लम बस्ती निवासी सूरज बॉसफोड़ ने बताया कि उनके पिताजी को मोतियाबिंद की शिकायत थी और शिविर में जांच के बाद चिकित्सकों ने उन्हें ऑपरेशन की सलाह दी थी. वहीं उनके चाचा को नजर की समस्या थी, जिसके लिए चिकित्सकों ने चश्मा बनवाने की अनुशंसा की थी. लेकिन महीनों बीतने के बावजूद अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है.इस सन्दर्भ मे जिला कार्यक्रम प्रबंधक अरविंद कुमार ने बताया कि, जैसे-जैसे चश्मे की आवश्यकता होगी, वैसे-वैसे वितरण किया जायेगा. अगर किसी को अब तक चश्मा नहीं मिला है, तो जल्द ही बंटवाया जायेगा. चश्मा पटना से बनकर आता है, उसी के बाद वितरण संभव हो पाता है.
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