छपरा. विश्व तंबाकू निषेध दिवस के अवसर पर जिले के विभिन्न प्रखंडों और स्वास्थ्य केंद्रों पर जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. इस दौरान प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर लोगों को तंबाकू सेवन से होने वाले शारीरिक और मानसिक नुकसान की जानकारी दी गयी. वहीं छपरा सदर अस्पताल परिसर में एएनएम छात्राओं द्वारा जागरूकता रैली निकाली गयी. साथ ही पेंटिंग प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया. इस मौके पर एनसीडीओ डॉ भूपेंद्र कुमार ने कहा कि तंबाकू किसी भी रूप में स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए हानिकारक है. यह कई असाध्य रोगों की जड़ है और इसके सेवन से उत्पन्न कचरा वातावरण को भी प्रदूषित करता है. उन्होंने कहा कि तंबाकू की लत अब युवाओं के साथ-साथ स्कूली बच्चों में भी देखने को मिल रही है, जो चिंता का विषय है. सिविल सर्जन डॉ सागर दुलाल सिन्हा ने बताया कि तंबाकू सेवन कैंसर, ब्रोंकाइटिस और एम्फिसेमा जैसी गंभीर बीमारियों का प्रमुख कारण है. लंबे समय तक धूम्रपान करने से फेफड़े एवं सांस की नली में कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है. उन्होंने कहा कि खैनी, जर्दा, गुटखा, पीली पत्ती आदि के सेवन से मुंह का कैंसर हो सकता है. इन बीमारियों से बचने के लिए तंबाकू सेवन का त्याग ही सबसे आवश्यक विकल्प है. साइकोलॉजिस्ट डॉ निधि कुमारी ने बताया कि सरकार ने सार्वजनिक स्थानों पर तंबाकू सेवन पर रोक लगाने के लिए कोटपा कानून लागू किया है. इसके तहत नियमों के उल्लंघन पर दंडात्मक कार्रवाई की जा सकती है. कार्यक्रम में डॉ वरुण सिंह, राजीव गर्ग समेत कई स्वास्थ्यकर्मी व छात्राएं उपस्थित थीं.
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