शहीद की एक झलक को बेताब दिखे गांव वाले
बता दें कि, मानपुर से शहीद के घर तक सड़क के दोनों किनारे लोग शहीद के काफिले को निहारते देखे गए. भैरोपुर, मटिहान, कमालपुर, रहिमापुर, बसंत आदि जगहों पर लोग शहीद की एक झलक पाने को बेताब दिखे. इस दौरान सड़क किनारे लोगों को कड़ी धूप में अपने घरों की छतों पर भी शहीद के दर्शन के लिए इंतजार करते देखा गया. शहीद की एक झलक पाने के उत्साह के आगे लोगों पर धूप का तनिक भी असर नहीं दिखा. हर जुबान पर युद्ध में वीरगति पाने वाले सारण के लाल की बहादुरी की चर्चा थी. शहीद के अंतिम दर्शन के लिए महिलाओं को भी काफी उत्साहित देखा गया. हर कोई राष्ट्रभक्ति से ओत प्रोत दिखा. युवाओं को सबसे ज्यादा सक्रीय देखा गया.
बेटे ने कहा- ‘पाकिस्तान को उसी की भाषा में मिले जवाब’
इधर, शहीद मो. इम्तियाज के बेटे मो. इमरान ने अपने पिता की शहादत पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि, उन्हें अपने पिता की शहादत पर नाज है एवं वे लोग देश के लिए शहीद होने वाले हर वीर सपूतों की शहादत को नमन करते हैं. इमरान ने कहा कि, पाकिस्तान द्वारा धोखाधड़ी कर भारत के जवानों को मार दिया जा रहा है. जिससे कोई पत्नी अपने सुहाग खो रही है तो कोई पुत्र अपने पिता को खो रहा है. इमरान ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि, पाकिस्तान को उसी की भाषा में जवाब मिलनी चाहिए ताकि शहीदों की शहादत बेकार न जाए. इमरान के अनुसार, अब वे देश के लिए शहीद हुए पिता के यादों के सहारे अपना जीवन बसर करेंगे और शहीद का बेटा कहलाना उनके लिए गर्व की बात होगी. इमरान ने बार-बार कहा कि, पाकिस्तान पर भरोसा करने की बजाय भारत की सरकार को पाकिस्तान का मुंह तोड़ जवाब दिया जाना चाहिए ताकि बार बार सैनिकों को शहादत न देनी पड़ी.
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