Saran News : बारिश व ओलावृष्टि से किसानों को नुकसान के सर्वे का आदेश
जिले में बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं. इस प्राकृतिक आपदा ने किसानों के लिए चिंता का कारण बन दिया है. खासकर गेहूं की फसल को भारी नुकसान हुआ है. नुकसान का सर्वेक्षण करने के लिए अब पंचायतवार सर्वेक्षण का आदेश जारी किया गया है.
By SHAH ABID HUSSAIN | April 15, 2025 9:18 PM
छपरा. सारण जिले में पिछले एक सप्ताह में दो दिन की झमाझम बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं. कृषि विभाग के अधिकारियों के अनुसार, इस प्राकृतिक आपदा ने किसानों के लिए चिंता का कारण बन दिया है. खासकर गेहूं की फसल को भारी नुकसान हुआ है. नुकसान का सर्वेक्षण करने के लिए अब जिला कृषि पदाधिकारी ने प्रखंड स्तर की बजाय पंचायतवार सर्वेक्षण का आदेश जारी किया है.
सर्वेक्षण रिपोर्ट में हो रही है देरी
कृषि विभाग द्वारा सभी बीएओ को 12 घंटे के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया था, ताकि जिलाधिकारी को अवगत कराया जा सके. हालांकि, रिपोर्ट समय पर नहीं आयी, जिससे यह संदेह उत्पन्न हुआ है कि प्रखंड स्तर पर सर्वेक्षण में लापरवाही बरती जा रही है. विभाग ने कड़ी चेतावनी दी है कि जिन अधिकारियों द्वारा रिपोर्ट में देरी की जायेगी, उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जायेगी.
70-80 फीसदी गेहूं की कटनी हुई, फिर भी नुकसान का दावा
विभाग का दावा है कि जिले में जितनी भी गेहूं की बोआई की गयी थी, उनमें से 70 से 80 फीसदी क्षेत्र में कटाई पहले ही हो चुकी थी और बारिश से ज्यादा नुकसान की संभावना कम थी. बावजूद इसके किसानों का कहना है कि 50 फीसदी कटाई अभी बाकी थी और जो कटाई की गयी थी, वह बारिश के दौरान खेतों में ही रह गयी, जिससे फसल भीग गयी और नुकसान हुआ. किसानों ने इस नुकसान के लिए मुआवजे की मांग की है.
प्रखंड स्तर पर लापरवाही, कार्रवाई की संभावना
डीएओ ने रिपोर्ट देने का आदेश सोमवार को ही दिया था, लेकिन मंगलवार की शाम तक भी रिपोर्ट नहीं आयी थी, जिससे विभाग में नाराजगी देखी जा रही है. विभागीय अधिकारियों के अनुसार, प्रखंड स्तर पर सर्वेक्षण रिपोर्ट में लापरवाही बरती जा रही है. इसके लिए कुछ प्रखंड कृषि पदाधिकारियों पर कार्रवाई की जा सकती है.
क्या कहते हैं कृषि पदाधिकारी
पंचायत स्तर पर नुकसान का सर्वेक्षण कराया जा रहा है, ताकि सही आकलन हो सके. उन्होंने कहा कि 70 से 80 फीसदी कटाई पहले ही हो चुकी थी, इसलिए ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है, फिर भी सर्वेक्षण जारी रखा जायेगा और किसानों को सही मुआवजा दिया जायेगा. विभाग इस संकट के समय में किसानों के साथ है और उन्हें हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए तत्पर है.
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