Saran News : पुराने भवन को तोड़ने में सुरक्षा के मानकों की हो रही अनदेखी

Saran News : छपरा सदर अस्पताल परिसर में मॉडल अस्पताल बनाने की प्रक्रिया ने रफ्तार पकड़ ली है. इसी के तहत पुराने और जर्जर हो चुके भवनों को गिराया जा रहा है.

By ALOK KUMAR | May 22, 2025 5:35 PM
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छपरा. छपरा सदर अस्पताल परिसर में मॉडल अस्पताल बनाने की प्रक्रिया ने रफ्तार पकड़ ली है. इसी के तहत पुराने और जर्जर हो चुके भवनों को गिराया जा रहा है. हालांकि भवन तोड़ने के दौरान सुरक्षा मानकों की गंभीर अनदेखी की जा रही है. जानकारी के अनुसार पुराने भवन ध्वस्तीकरण का कार्य बिना किसी सेफ्टी उपकरण के किया जा रहा है. न तो मजदूरों को आवश्यक सुरक्षा सामग्री दी गयी है और न ही अस्पताल परिसर में मरीजों और आम लोगों की सुरक्षा को लेकर कोई ठोस व्यवस्था की गयी है. उक्त स्थल के पास बैरिकेडिंग नहीं होने से अस्पताल आने-जाने वाले मरीजों और उनके परिजनों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं.

इमरजेंसी विभाग जाने वाले लोगों के साथ हो सकता है हादसा

विशेष रूप से चिंता की बात यह है कि ध्वस्तीकरण स्थल के समीप ही इमरजेंसी विभाग जाने वाली मुख्य सड़क है. जिससे होकर मरीज ओपीडी, वार्ड और अन्य विभागों की ओर जाते हैं. भवन तोड़ने के दौरान चलाये जा रहे जेसीबी और भारी उपकरणों से निकलने वाली धूल पूरे परिसर में फैल रही है. जिससे सांस संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ गया है. वहीं, भवन से टूटकर गिरने वाली ईंटें और मलबे के टुकड़े मरीजों को घायल भी कर सकते हैं. स्थानीय लोगों और अस्पताल में इलाज कराने आए मरीजों ने प्रशासन से मांग की है कि निर्माण कार्य के दौरान सुरक्षा मानकों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाये. साथ ही, ध्वस्तीकरण कार्य को सीमित समय में और अस्पताल की व्यस्तता को ध्यान में रखते हुए संचालित किया जाये. जिससे मरीजों को कोई असुविधा न हो और किसी भी संभावित दुर्घटना से बचा जा सके.

कैसे मिली अनुमति इस पर उठ रहा सवाल

इस पूरे मामले में सबसे बड़ा सवाल यही उठ रहा है कि अस्पताल जैसे संवेदनशील स्थल पर बिना सुरक्षा मानकों का पालन किये भवन तोड़ने की अनुमति आखिर कैसे दी गयी. मरीजों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रशासन को त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए. भवन ध्वस्तीकरण से पहले धूल नियंत्रण के लिए पानी का छिड़काव, सेफ्टी बैरिकेडिंग, मजदूरों को हेलमेट, मास्क, दस्ताने जैसे सुरक्षा उपकरण देना अनिवार्य है. साथ ही, परिसर में चेतावनी बोर्ड और वैकल्पिक रास्तों की व्यवस्था भी की जानी चाहिए.

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