सोनपुर. हरिहर क्षेत्र, सोनपुर स्थित लोक सेवा आश्रम परिसर में गुरुवार को श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन से जुड़े 50 से अधिक साधु-संतों का आगमन हुआ. इस विशेष जमात ने आश्रम में पहुंचकर भगवान की पूजा-अर्चना की और विश्व कल्याण की कामना की. लोक सेवा आश्रम के व्यवस्थापक संत विष्णुदास उदासीन उर्फ मौनी बाबा ने इस अवसर को ऐतिहासिक क्षण करार दिया और कहा कि, एक साथ इतनी बड़ी संख्या में साधु-संतों का सोनपुर आना दुर्लभ अवसर है. सनातन धर्म में संत दर्शन और सेवा का विशेष महत्व है. महंत श्री दूर्गा दास जी महाराज ने साधु-संतों की भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि उदासीन संप्रदाय के अखाड़े न केवल धर्म और संस्कृति के प्रचार-प्रसार में लगे हैं, बल्कि समाज में व्याप्त कुरीतियों को मिटाने और धर्म का सकारात्मक संदेश देने का भी कार्य कर रहे हैं.उन्होंने बताया कि उदासीन संप्रदाय के संत वैराग्य, साधना और आत्मिक जागरूकता को जीवन का मूल आधार मानते हैं. ये संत देशभर में भ्रमण कर लोगों को सनातन धर्म के मूल्यों से अवगत कराते हैं और अज्ञानता को दूर करने का प्रयास करते हैं. महंत श्री राममौनी दास जी महाराज ने कहा कि उदासीन संत भारतीय संस्कृति और धर्म को जीवंत रखने, धार्मिक शिक्षा देने और समाज में चेतना फैलाने में अहम भूमिका निभाते हैं। साथ ही ये संत साहित्य, जनसेवा और धर्म प्रचार के क्षेत्र में भी लगातार योगदान दे रहे हैं.
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