बनियापुर. मंगल करनी, कलिमल हरनी, तुलसी कथा रघुनाथ की के उदघोष के साथ प्रखंड क्षेत्र में गुरुवार को गोस्वामी तुलसीदास की जयंती हर्षोल्लास के साथ मनायी गयी. इस दौरान कई मंदिरों में तुलसीदास विरचित रामचरित मानस की चौपाई एवं दोहों का सरस राग में पाठ भी किया गया. अवकाशप्राप्त शिक्षक सच्चिदानंद शर्मा ने गोस्वामीजी की जीवनी की व्यख्या करते हुए कहा की रामचरितमानस तुलसीदास की सर्वश्रेष्ठ रचना है. साथ ही वर्तमान परिवेश में सुंदर एवं स्वच्छ समाज के निर्माण के लिये तुलसीदास द्वारा रचित विभिन्न ग्रंथो के अध्ययन की आवश्यकता पर बल दिया गया. वक्ताओं ने कहा की मानस की कथा कल्याणकारी होने के साथ-साथ कलियुग के समस्त पापों का हरण करने वाली है. मानस अपने-आप मे सभी वेद-पुराणों की सार है. जिसकी भाषा सरल होने के कारण इसकी पहुंच जन-जन तक व्याप्त है. वक्ताओं ने बताया कि श्रावण महीने के शुक्लपक्ष सप्तमी तिथि को गोस्वामी तुलसीदास का जन्म हुआ था।मौके पर दर्जनों श्रद्धालु भक्त उपस्थित रहे.
संबंधित खबर
और खबरें